वहीं विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड के एमडी आनंद मलिक और विकास पटनी को चार साल की सजा दी गई है। फैसला सुनाने के बाद सभी पांच लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। बता दें कि यह घोटाला पश्चिम बंगाल में कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ा है।
यह भी पढ़ें – जानें क्या है अगस्तावेस्टलैंड सौदा मामला, मिशेल के प्रत्यर्पण से पहले पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी हुए थे गिरफ्तार क्या है पूरा मामला कोयला घोटाले के संबंध में सीबीआई ने सिंतबर 2012 में एक एफआईआर दर्ज किया था। पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोर (उत्तर और दक्षिण) के कोयला ब्लॉकों का वीएमपीएल को किए आवंटन में अनियमितता पाई गई थी। इस पूरे मामले की जांच विशेष सीबीआई न्यायाधीश भारत पाराशर ने की। जांच में पता चला कि एचसी गुप्ता ने निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड, एक सेवारत और एक सेवानिवृत्त नौकरशाह कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव के एस क्रोफा और कोयला मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक (सीए-1) केसी सामरिया के साथ मिलकर गलत तरीके से कोयला ब्लॉकों का आवंटन किया गया। कोर्ट ने इन सभी को दोषी करार देते हुए कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास पटानी, उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को भी दोषी ठहराया।