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कोयला घोटाला: पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता दोषी करार, 5 दिसंबर को सजा पर फैसला

locationनई दिल्लीPublished: Dec 03, 2018 04:14:45 pm

Submitted by:

Anil Kumar

पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और अन्य को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के तहत दोषी पाया गया है, जिसपर 5 दिसंबर को सजा सुनाया जाएगा।

कोयला घोटाला: पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता दोषी करार, 5 दिसंबर को सजा पर फैसला

कोयला घोटाला: पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता दोषी करार, पांच दिसंबर को सजा पर फैसला

नई दिल्ली। कोयला घोटला के मामले में सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और अन्य को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के तहत दोषी पाया गया है, जिसपर 5 दिसंबर को सजा सुनाया जाएगा। बता दें कि इससे पहले बीते शुक्रवार को अदालत ने सुनवाई करते हुए एचसी गुप्ता और अन्य को दोषी ठहराया था। साथ ही यह भी कहा था कि तीन दिसंबर सोमवार को सजा की घोषणा की जाएगी। हालांकि सोमवार को अदालत ने सुनवाई करते हुए कहा कि अब पांच दिसंबर को सजा का ऐलान किया जाएगा। इधर सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत में गुप्ता और चार अन्य दोषियों के वकील ने सजा में नरमी बरते जाने की मांग की है। वकील का कहना है कि गुप्ता की उम्र 70 वर्ष हो चुकी है और वे विभिन्न तरह के बीमरियों से पीड़ित हैं। इसके अलावा यह भी कहा कि इनके परिवार का गुजारा चलाने के लिए इनके पास केवल पेंशन का ही एक सहारा है। बता दें कि यह घोटाला पश्चिम बंगाल में कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ा है।

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क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि कोयला घोटाले के संबंध में सीबीआई ने सिंतबर 2012 में एक एपआईआर दर्ज किया था। पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोर (उत्तर और दक्षिण) के कोयला ब्लॉकों का वीएमपीएल को किए आवंटन में कथित तौर पर अनियमितता पाई गई थी। इस पूरे मामले की जांच विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पाराशर ने की। जांच में पता चला कि एचसी गुप्ता ने निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड, एक सेवारत और एक सेवानिवृत्त नौकरशाह कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव के एस क्रोफा और कोयला मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक (सीए-1) केसी सामरिया के साथ मिलकर गलत तरीके से कोयला ब्लॉकों का आवंटन किया गया। कोर्ट ने इन सभी को दोषी करार देते हुए कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास पटानी, उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को भी दोषी ठहराया। बता दें कि तीन दिसंबर को इन सभी के खिलाफ सजा का फैसला किया जाएगा। दोषियों पर अधिकतम पांच वर्ष तक की सजा हो सकती है।

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