कोयला घोटाले में मधु कोड़ा समेत चारों आरोपियों को राहत, हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाई
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि कोयला घोटाले के संबंध में सीबीआई ने सिंतबर 2012 में एक एपआईआर दर्ज किया था। पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोर (उत्तर और दक्षिण) के कोयला ब्लॉकों का वीएमपीएल को किए आवंटन में कथित तौर पर अनियमितता पाई गई थी। इस पूरे मामले की जांच विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पाराशर ने की। जांच में पता चला कि एचसी गुप्ता ने निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड, एक सेवारत और एक सेवानिवृत्त नौकरशाह कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव के एस क्रोफा और कोयला मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक (सीए-1) केसी सामरिया के साथ मिलकर गलत तरीके से कोयला ब्लॉकों का आवंटन किया गया। कोर्ट ने इन सभी को दोषी करार देते हुए कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास पटानी, उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को भी दोषी ठहराया। बता दें कि तीन दिसंबर को इन सभी के खिलाफ सजा का फैसला किया जाएगा। दोषियों पर अधिकतम पांच वर्ष तक की सजा हो सकती है।