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मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर हिंदी भाषा का अपमान करने का आरोप, मामला दर्ज

locationनई दिल्लीPublished: Dec 04, 2018 10:28:46 am

Submitted by:

Saif Ur Rehman

मनसे राज ठाकरे के खिलाफ सीजेएम के सामने सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने परिवाद दायर किया।

Raj thackarey

राज ठाकरे का सनसनीखेज बयान: ओवैसी के साथ मिलकर सरकार देश में दंगे करा सकती है

पटना। महाराष्ट्र के फायर ब्रिगेड नेता राज ठाकरे पर हिंदी भाषा का कथित तौर अपमान लगा है, जिसके लिए उनपर मामला दर्ज हुआ है। सोमवार को बिहार के मुजफ्फरपुर में केस दर्ज हुआ है। खबरों के मुताबिक, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ सीजेएम (मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी) आरती कुमारी सिंह की अदालत में सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने परिवाद दायर किया। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। मामला दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ता कई समाचार चैनलों पर चली इन खबरों से दुखी हैं, जिनमें ठाकरे ने कथित तौर पर कहा कि हिंदी देश की राष्ट्रीय भाषा नहीं है और इस भाषा का अपमान किया। हाशमी का कहना है कि ठाकरे की बकवास ने सिर्फ उन्हें नहीं बल्कि हिंदी भाषा से प्यार करने वाले अन्य लोगों को भी दुख पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश का अपमान है। मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।
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क्या कहा था राज ठाकरे ने

रविवार को कांदिवली पश्चिम के भुराभाई हॉल में राज ठाकरे के साथ सीधा संवाद कार्यक्रम का आयोजन उत्तर भारतीय महापंचायत ने किया, इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि हिंदी बहुत ही सुंदर भाषा है, लेकिन यह गलत है कि हिंदी राष्ट्रभाषा है। राष्ट्रभाषा पर किसी तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है। जैसे हिंदी भाषा है, वैसे ही मराठी, तमिल, गुजराती और बाकी सारी भाषाएं हैं। ये सभी देश की भाषा हैं।
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‘अपने राज्य में उठाएं आवाज’
मनसे मुखिया ने हिंदी भाषियों से कहा कि आप अपने राज्य में आवाज बुलंद करें। अपने प्रदेश-क्षेत्र के विकास के लिए नेताओं पर दबाव बनाएं। अगर आपके राज्य में रोजगार होगा, तो भला हिंदी भाषी उन क्षेत्रों से आकर महाराष्ट्र में डेरा क्यों जमाते? हमें भी अपने राज्य के लोगों की चिंता है और हम उनके हक के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी बेरोजगारी है। कोकण-विदर्भ में बड़ी संख्या में युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं। उनका हक उन्हें मिलना चाहिए। हम उनके हक की लड़ाई आगे भी लड़ते रहेंगे।

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