रेप पीड़िता के साथ केरल हाईकोर्ट ( Kerala High Court ) पहुंचे पूर्व पादरी रॉबिन ( fr robin vadakkumchery ) वडक्कमरी।
पोक्सो एक्ट ( POCSO Act ) के तहत 20 वर्षों की सश्रम सजा काट रहा है दोषी।
वर्ष 2016 में कई बार नाबालिग का बलात्कार ( minor rape case ) कर गर्भवती किया।
Convicted Former priest Robin Vadakkumchery reaches Kerala High Court
तिरुवनंतपुरम। केरल के सबसे सनसनीखेज बलात्कार मामलों में से एक में 20 वर्षों की सश्रम कारावास की सजा भुगत रहे नाबालिग के साथ बलात्कार के दोषी पूर्व पादरी रॉबिन वडक्कमरी ( fr robin vadakkumchery ) ने केरल हाईकोर्ट ( Kerala High Court ) का दरवाजा खटखटाया है। नाबालिग पीड़िता और पूर्व पादरी ने अदालत से शादी के लिए मंजूरी देने की अनुमति दिए जाने की अपील की है।
Kerala Gold Smuggling का आतंकी कनेक्शन, एक बड़े मंत्री के संपर्क में थी आरोपी स्वप्ना सुरेश ताजा जानकारी के मुताबिक केरल में पूर्व पादरी रॉबिन वडक्कमरी को 2016 में एक नाबालिग से बलात्कार ( minor rape case ) का दोषी पाए जाने के बाद पाक्सो एक्ट ( POCSO Act ) में 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी। इससे पहले थलासेरी Pocso Court (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत ने रॉबिन को दोषी ठहराया था, जिसके बाद मार्च में पोप फ्रांसिस ( Pope Francis ) ने केरल के मनथवाडी सूबा के रोमन कैथोलिक पादरी रॉबिन वडक्कमरी को चर्च से बाहर कर दिया था। केवल पोप के पास ही कैथोलिक चर्च में एक पादरी को हटाने की शक्ति है।
फादर रॉबिन उस स्कूल में एक शिक्षक था, जहां पीड़िता पढ़ती थी। 2016 में कथित तौर पर रॉबिन ने नाबालिग के साथ कई बार बलात्कार किया और उस 16 वर्षीय लड़की को गर्भवती कर दिया। लड़की ने 7 फरवरी 2017 को एक बच्चे को जन्म दिया। 27 फरवरी 2017 को मंनथवाडी सूबे ने रॉबिन को पादरी पद से निलंबित कर दिया और आगे की जांच के लिए एक समिति का गठन किया।
इस बीच थलासेरी POCSO अदालत ने रॉबिन को इस मामले में दोषी ( rape allegation on church priest ) पाया कि बच्चे का डीएनए रॉबिन के साथ मेल खाता था। अदालत ने उसे 20 साल के सश्रम कारावास और 3 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। POCSO अदालत ने क्रिस्टू राज कॉन्वेंट की पांच नन और एक प्रशासक को साजिश और दस्तावेज की जालसाजी के आरोपों से बरी कर दिया।
इस वर्ष मार्च में मनथवाडी के कैथोलिक सूबा के जनसंपर्क कार्यालय ने एक बयान में कहा कि पोप ने 9 दिसंबर 2019 को वडक्कमरी को बर्खास्त कर दिया है। और इसके आदेश को पिछले महीने मनथवाडी सूबा द्वारा सौंप दिया गया था। इस मामले में पोप फ्रांसिस ने बलात्कार के दोषी पादरी को निष्कासित करने के साथ कड़ा संदेश देते हुए कहा कि नाबालिगों का यौन शोषण करने वाले पादरियों के लिए ‘शून्य सहिष्णुता’ होगी।
दुनिया में सबसे पहले कब और कहां आया कोरोना वायरस, चीन नहीं बल्कि दूसरे देश में पाया गया था यह मामला केरल में सनसनीखेज सेक्स स्कैंडलों में से एक रहा है। इस मामले में कई मोड़ आए और शक्तिशाली चर्च ने अपने माता-पिता सहित लड़की के परिवार के सदस्यों को प्रभावित भी किया। इस मामले में पीड़िता के पिता ने दबाव में यह झूठा स्वीकार किया कि उसने अपनी ही बेटी का बलात्कार किया था। लड़की और उसकी मां ने दावा किया कि वह बलात्कार के समय नाबालिग नहीं थी। पुजारी ने लड़की की डिलीवरी के अस्पताल के बिलों का भुगतान किया और हर तरह की मदद का वादा किया।
हालांकि पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं का प्रभावी हस्तक्षेप सफल रहा और आखिरकार पुजारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। बच्चे का डीएनए भी रॉबिन के साथ मेल खाता पाया गया।