जानकारी के मुताबिक यह घटना औरंगाबाद की है। यहां कि सिटी पुलिस ने सोशल मीडिया पर कथित रूप से एक आपत्तिजनक संदेश पोस्ट करने के लिए एक डॉक्टर के खिलाफ गैर-संज्ञेय (एनसी) अपराध दर्ज किया है।
पुलिस ने डॉक्टर की पहचान संभाजी गोविंद चितले (38) के रूप में की है। डॉ. चितले औरंगाबाद शहर के सिडको इलाके के कामगार चौक में कॉस्मो हॉस्पिटल चलाते हैं। दरअसल मौलाना साद दिल्ली पुलिस द्वारा वांछित है। उस पर महामारी रोग अधिनियम 1897 और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दिल्ली पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया है। साद ने कथित तौर पर कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा लागू किए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया था।
मार्च में दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात मरकज में आयोजित एक धार्मिक सभा में भाग लेने वाले सैकड़ों लोगों को कोरोनो वायरस पॉजिटिव पाया गया है। देश में अब तक तबलीगी जमात से संबंधित 25500 लोगों को क्वारेंटाइन में भेजा गया है जबकि सोमवार सुबह 4000 से ज्यादा पॉजिटिव केसों में अकेले 1445 यहीं के थे।
औरंगाबाद सिटी पुलिस के मुताबिक, चितले ने साद की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। इसके साथ ही लिखा था, “अगर आपके पास इस आतंकवादी की लोकेशन के बारे में कोई इनपुट है, तो कृपया अपनी स्थानीय पुलिस को सूचित करें।”
चितले के खिलाफ औरंगाबाद के पुंडलिक नगर पुलिस स्टेशन में 5 अप्रैल को गैर-संज्ञेय अपराध दर्ज किया गया था।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पुलिस उप-निरीक्षक प्रभाकर सोनवणे ने इस मामले में चितले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (बी) (सी) के तहत मुकदमा दर्ज किया।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पुलिस उप-निरीक्षक प्रभाकर सोनवणे ने इस मामले में चितले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (बी) (सी) के तहत मुकदमा दर्ज किया।
पुंडलिकनगर पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक जीबी सोनवणे ने कहा, “पुलिस द्वारा डॉक्टर के खिलाफ प्रीवेंटिव एक्शन के रूप में मुकदमा दर्ज किया गया। उन्हें कानून के मुताबिक हिरासत में लिया गया और नोटिस जारी किया गया।”
इतना ही नहीं पुलिस ने सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।