मंदिर में पुजारी बन गया था हत्या का आरोपी अलीपुरा गांव का इनामी भगौड़ा बदमाश सतपाल उर्फ पाला अब पुलिस की गिरफ्त में है। बताया जा रहा है कि वो पिछले 14 साल से फरार था और एक मंदिर का पुजारी बनकर बैठा हुआ था। पुलिस ने आरोपी को नरवाना अदालत में पेश किया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
2002 के मामले में 2004 में सुनाई गई थी उम्रकैद खबरों के मुताबिक, उचाना थाना प्रभारी राजकुमार ने बताया कि 26 नवंबर 2002 को सतपाल व उसके अन्य नौ साथियों राजेन्द्र, राजा, अमृत, शिवनारायण, रणधीर, विजय, मनोज, लख्मी, राजेन्द्र ने पुरानी पारिवारिक रंजिश के चलते गांव के ही लक्ष्मण की गोली मार दी थी। बाद में लक्ष्मण की मौत हो गई थी। इसकी शिकायत गांव के ही राजमल ने पुलिस को दी थी। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई की और मामला दो साल अदालत में चला। अदालत ने 2004 में सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सतपाल को भी अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
14 साल से था भगौड़ा 5 नवंबर 2004 को सतपाल उर्फ पाला छह हफ्ते के लिए पैरोल पर जेल से बाहर आया था। 18 दिसंबर 2004 को मुजरिम पाला को वापस जेल पहुंचना था, लेकिन वह नहीं पहुंचा और फरार हो गया। इसके बाद से ही पाला को भगौड़ा किया हुआ था। यहां तक कि भगौड़े पाला पर पुलिस ने इनाम भी घोषित किया हुआ था। 14 साल तक वह अदालत से भगौड़ा बना रहा।
मोगा के एक मंदिर में बन गया था पुजारी बाद में पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि सतपाल पंजाब के जिला मोगा के एक मंदिर में पुजारी का काम कर रहा है। पुलिस ने सूचना मिलते ही टीम को तैयार कर मोगा मंदिर से मुजरिम को दबोच लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि मुजरिम पिछले लंबे समय से मोगा के एक मंदिर में पुजारी का काम कर रहा था और लोगों को भक्ति का पाठ पढ़ाने में लगा हुआ था। अब उसे गिरफ्तार कर लिया गया हैं।