पुलिस के पास सिर्फ एक क्लू था, कि कुछ लोग कार को किराए पर ले गए थे। पुलिस ने कार तलाश की तो कार धमैड़ा बस स्टैंड के पास लावारिस हालत में मिल गई। इसके बाद ये तो साफ था कि हत्या लूट के उद्देश्य से नहीं हुई थी। लेकिन बड़ा सवाल ये था कि आखिर फिर किसने और क्यों इमरान को मौत के घाट उतारा। पुलिस इन सभी सवालों का जवाब तलाश ही रही थी कि उसे एक बड़ी कामयाबी मिली।
पुलिस ने इमरान के फोन की कॉल डिटेल निकाल ली थी और इसी आधार पर अलीगढ़ के गांव तालनगर के रहने वाले 22 साल के गुल्लू पुत्र भगवान सिंह को गिरफ्तार किया। गुल्लू ने पूछताछ में तमाम राज खोल दिए जो वाकई हैरान कर देने वाले थे।
क्या था पूरा मामला
एसओ गणेश चौहान ने मीडिया को बताया कि गुल्लू की बहन की शादी अगौता थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी। बहनोई फौज में है और इमरान का अफेयर गुल्लू की बहन के साथ चल रहा था। दोनों लोग मोबाइल पर लंबी बातें करते थे और गाड़ी से घूमने भी जाते थे। एक रोज बहन के फोन में कॉल रिकॉर्डिंग गुल्लू ने सुन ली।
एसओ गणेश चौहान ने मीडिया को बताया कि गुल्लू की बहन की शादी अगौता थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी। बहनोई फौज में है और इमरान का अफेयर गुल्लू की बहन के साथ चल रहा था। दोनों लोग मोबाइल पर लंबी बातें करते थे और गाड़ी से घूमने भी जाते थे। एक रोज बहन के फोन में कॉल रिकॉर्डिंग गुल्लू ने सुन ली।
गुल्लू ने पहले इमरान को समझाने की कोशिश की, इमरान के नहीं मानने पर 28 सितंबर को अपने एक दोस्त के साथ गुल्लू ने उसकी गाड़ी बुकिंग पर ले ली। तीनों ने शराब पी लेकिन गुल्लू के दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था। गुल्लू ने अपने साथी के साथ मिल कर इमरान को गला घोट कर मार डाला और लाश पोखर में डाल दी। इसके बाद गाड़ी को लावारिस हालत में छोड़ कर फरार हो गए। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद गुल्लू ने गुनाह कुबूल कर लिया।