तीन सितंबर की है घटना जानकारी के मुताबिक, नंदी गांव का रहनेवाला जालपू राम तीन सितंबर को अपनी बेटी के घर से लौट रहा था। रास्ते में दासोट गांव में ऊंची जाति के तिलक राज के घर में गुग्गा देवता की पालकी रखी हुई थी। जालपू आशीर्वाद लेने के लिए पालकी के आगे झुक गया और उसे छू लिया। जालपू द्वारा पालकी छूने पर तिलक राज और उसके साथ भड़क गए और उसकी पिटाई कर दी। इतना ही नहीं उन लोगों ने जालपू राम से देवता को शुद्ध करने के लिए एक बकरे की भी मांग की।
शुद्धिकरण के लिए बकरे की मांग जालपू राम ने बताया कि मैं अपनी बेटी के घर से लौट रहा था, उसी वक्त मेरे साथ यह हादसा हुआ। इतना ही नहीं ऊंची जाति के लोगों ने मुझे धमकी दी कि अगर मैंने उन्हें बकरी नहीं दी तो वे मेरे टुकड़े-टुकड़े कर देंगे।
एक अंग्रेजी वेबसाइट का दावा है कि घटना के वक्त जालपू राम नशे में था। वेबसाइट के मुताबिक, मारपीट को लेकर गोहर पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। हालांकि, इस एफआईआर में इस बात का जिक्र नहीं था कि जालपू राम की जाति के वजह से यह सब हुआ। अब एक एनजीओ ने मंडी डीएसपी से मिलकर इस मामले में एससी-एसटी एक्ट के तहत अलग मामला दर्ज करवाया है। मंडी थाने के डीएसपी हितेश लखनपाल ने बताया कि धारा 323 और 343 के तह मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है, लेकिन अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जल्द ही सारी सच्चाई सबके सामने आ जएगी।
एक अंग्रेजी वेबसाइट का दावा है कि घटना के वक्त जालपू राम नशे में था। वेबसाइट के मुताबिक, मारपीट को लेकर गोहर पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। हालांकि, इस एफआईआर में इस बात का जिक्र नहीं था कि जालपू राम की जाति के वजह से यह सब हुआ। अब एक एनजीओ ने मंडी डीएसपी से मिलकर इस मामले में एससी-एसटी एक्ट के तहत अलग मामला दर्ज करवाया है। मंडी थाने के डीएसपी हितेश लखनपाल ने बताया कि धारा 323 और 343 के तह मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है, लेकिन अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जल्द ही सारी सच्चाई सबके सामने आ जएगी।