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दाती महाराज रेप केस में हाईकोर्ट का निर्देश, पीड़ित लड़की को ही बनाया जाए पक्ष

locationनई दिल्लीPublished: Jul 12, 2018 11:43:22 am

दाती महाराज रेप केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने किया एनजीओ की सुनवाई से इनकार, पीड़ित लड़की को ही याचिकाकर्ता बनाए जाने का दिया निर्देश

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नई दिल्ली। दुष्कर्म के आरोपी दाती महाराज के खिलाफ एक एनजीओ की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने संज्ञान लेने से इंकार कर दिया है। याचिका में एनजीओ ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता के समक्ष यह याचिका दायर की गई।
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कोर्ट ने दिया ये निर्देश
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि इस आपराधिक मामले में एनजीओ पीड़ित नहीं है और वह किस हैसियत से दखल दे रहा है। हाई कोर्ट ने कहा कि एनजीओ ने शुरू में जनहित याचिका के तौर पर अर्जी दाखिल की थी, जिस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सुनवाई से इनकार कर दिया था और उसे आपराधिक रिट याचिका माना था।
कोर्ट ने कहा, ‘आपकी लगाई गई जनहित याचिका को क्रिमिनल रिट पिटीशन में तब्दील कर दिया गया है। लिहाज़ा, इस मामले में पीड़ित लड़की को याचिकाकर्ता बनाया जाए। फ़िलहाल याचिकाकर्ता ने याचिका को वापस ले लिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा है पीड़िता को पक्ष बनाने के बाद दोबारा हाइकोर्ट में याचिका लगाई जा सकती है।
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आपको बता दें कि दिल्ली हाइकोर्ट उस जनहित याचिका पर पहली सुनवाई कर रहा था, जिसमें दाती महाराज से जुड़े केस को सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि पीड़िता की शिकायत के इतना समय गुजर जाने के बाद इस मामले में पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया है। इतना ही नहीं जनहित याचिका में कहा गया है कि दाती महाराज के यहां शनिधाम पर कुछ बड़े लोगों का आना जाना लगा रहा है और पुलिस के अब तक जांच ठीक से न करने का एक कारण इसे भी माना जा रहा है।
सबूतों को दाती कर सकते हैं प्रभावित

अब तक दाती की गिरफ्तारी न होने के कारण इस मामले से जुड़े सबूतों और गवाहों को दाती महाराज प्रभावित कर सकता है। पिछली सुनवाई के दौरान इस जनहित याचिका को कोर्ट ने क्रिमिनल रिट पिटीशन में तब्दील कर दिया था। अगली सुनवाई के लिए एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने इसको आपराधिक बेंच के पास भेजा दिया था।
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