विदेश में अपनी कंपनी के शराब उत्पादों को विज्ञापित करने के लिए धन की व्यवस्था करने के लिए पूर्व एफईआरए के प्रावधानों के माल्या द्वारा कथित उल्लंघन से संबंधित 2000 मामलों में अदालत में अंतिम बहस की सुनवाई चल रही है।
2016 में नौ जुलाई को अदालत ने माल्या को नौ सितंबर (2016) को अदालत में व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होने का आदेश दिया था। ईडी के मुताबिक, माल्या ने कथित तौर पर लंदन में फॉमूर्ला वन वल्र्ड चैम्पियनशिप और 1996, 1997 और 1998 के बीच कुछ यूरोपीय देशों में किंगफिशर लोगो प्रदर्शित करने के लिए ब्रिटिश फर्म को 2,00,000 डॉलर का भुगतान किया। एजेंसी ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी के बिना रकम की अदायगी की गई थी, जो कि एफएआरए नियमों का उल्लंघन है।
6,027 करोड़ रुपये का लोन
जांच एजेंसियों के अनुसार शराब कारोबारी विजय माल्या ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले एक दर्जन बैंकों के कंसॉर्टियम से 2005 से 2010 के बीच 6,027 करोड़ रुपये का लोन उठाया था। बैंक सूत्रों के अनुसार अब ब्याज जोड़कर यह रकम 9000 करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गई है। बता दें कि माल्या के खिलाफ ब्रिटिश सरकार ने जांच का आदेश दिया है जिससे यह पता किया जा सके कि क्या शेल कंपनियों के उसके कारोबार में माल्या की इंग्लैंड में रजिस्टर्ड कंपनियां भी शामिल हैं।
जांच एजेंसियों के अनुसार शराब कारोबारी विजय माल्या ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले एक दर्जन बैंकों के कंसॉर्टियम से 2005 से 2010 के बीच 6,027 करोड़ रुपये का लोन उठाया था। बैंक सूत्रों के अनुसार अब ब्याज जोड़कर यह रकम 9000 करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गई है। बता दें कि माल्या के खिलाफ ब्रिटिश सरकार ने जांच का आदेश दिया है जिससे यह पता किया जा सके कि क्या शेल कंपनियों के उसके कारोबार में माल्या की इंग्लैंड में रजिस्टर्ड कंपनियां भी शामिल हैं।
आपको बता दें कि माल्या के प्रत्यर्पण से पहले भारतीय जांच एजेंसियों को इंग्लैंड की अदालत में यह साबित करना होगा माल्या ने सरकारी बैंकों के साथ धोखाधड़ी करते हुए मनी लॉन्डरिंग का सहारा लेकर देश से पैसा बाहर निकाला है।