द्वारका पुलिस के मुताबिक गैंग का मास्टरमाइंड अलीमुद्दीन अंसारी है। गैंग में 100 से ज्यादा मेंबर काम करते हैं। ये गैंग अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों को 10 करोड रुपए से अधिका का चूना लगा चुका है।
दरअसल, दिल्ली के द्वारका इलाके में रहने वाले राकेश गिलानी नाम के एक शख्स के मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले शख्स ने बताया कि वो कस्टमर केअर से बोल रहा है और कहा कि आपका सिम कार्ड आधार कार्ड से लिंक नहीं है। इसके लिए आपको आधार कार्ड का नंबर बताना होगा और एक SMS कस्टमर केअर नम्बर पर करना होना। बातों ही बातों में उस शख्स ने राकेश गिलानी के एटीएम कार्ड की डिटेल्स भी ले ली।
कुछ देर बाद राकेश गिलानी का सिम कार्ड बंद हो गया। 36 घंटे तक एक्टिव नहीं हुआ। तब राकेश ने कस्टमर केअर को कॉल किया तो पता चला कि उनके नंबर का नया सिम कार्ड एक्टिव है। इसके बाद जब राकेश गिलानी ने अपना बैंक अकाउंट चेक किया तो उसमें से 4 लाख से ज्यादा रुपए निकाले जा चुके थे। राकेश की शिकायत पर द्वारका पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच करना शुरू कर दिया।
मामला साइबर क्राइम से जुड़ा होने के कारण जांच में पुलिस को पता चला कि राकेश गिलानी के ICICI बैंक के खाते से पैसे कई अलग अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। ये बैंक खाते झारखंड, दिल्ली और पश्चिम बंगाल के थे। गहराई से जांच करने के मनोज कुमार यादव नाम के एक शख्स को साइबर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की टीम ने मनोज कुमार यादव से पूछताछ कर अलीमुद्दीन अंसारी नाम के एक और शख्स को भी गिरफ्तार किया। जब इन दोनों शातिर अपराधियों से पूछताछ की गई तो सामने आई एक ऐसी कहानी जिसने पुलिस के भी होश उड़ा दिए।
डीसीपी द्वारका एंटो अल्फोंसे के मुताबिक अलीमुद्दीन और मनोज बहुत बड़ा साइबर क्रिमिनल्स का रैकेट चलाता है। इसके रैकेट में 100 से ज्यादा सदस्य हैं। कई राज्यों में इस गैंग का नेटवर्क है। इस गैंग ने झारखंड के जामताड़ा, गिरिडीह, देवघर, धनबाद और पश्चिम बंगाल के वर्धमान इलाके में कई फर्जी कॉल सेंटर खोल रखे हैं। ये सभी मेंबर जंगलों से अपना काम करते हैं हर मेंबर को अलग अलग काम दिया गया है।