अब 20 लोगों को बनाया है अपना शिकार
आपको बता दें कि उत्तर-पश्चिम के डीसीपी असलम खान ने कहा कि पुरी और उनके 25 वर्षीय बेटा राहुल बेरोजगार लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते थे। पहले बेरोजगार लोगों को नौकरी की पेशकश करते थे और फेवर करने के बदले उनसे कमीशन के तौर पर लाखों रुपए ऐंठ लेते थे। सबसे बड़ी बात यह है कि नूतन पुरी खुद को शिक्षा विभाग की डेप्युटी डायरेक्टर बताती थी। पुलिस को शुरुआती पूछताछ में मालूम चला है कि दोनों ने मिलकर अबतक 20 लोगों को अपना शिकार बना चुके है।
रेवाड़ी गैंगरेप पर पहली बार बोले सीएम खट्टर, बहुत जल्द ही आरोपियों को कर लिया जाएगा गिरफ्तार
नूतन ने कबूला गुनाह
आपको बता दें कि नूतन ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि पीतमपुरा जोन में शिक्षा विभाग में काम करते समय निजी स्कूल की एक शिक्षिका सरकारी स्कूल में नौकरी दिलाने के संबंध में उनसे मिली थीं। इस पर उन्होंने उनसे कहा कि वह सरकारी स्कूल में एक गेस्ट टीचर बना सकती है और इसके बदले में उन्हें कुछ पैसे देने पड़ेंगे। महिला ने नूतन को पैसे तो दे दिए लेकिन उसे कोई नौकरी नहीं मिली। हालांकि कुछ समय बाद जब पीड़िता ने नूतन से मुलाकात की तो दूसरी नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे और पैसे ले लिए। इसी तरह से कई अन्य लोगों को अपना शिकार बनाया और अबतक लाखों रुपए की ठगी कर चुकी है।