पुलिस ने इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि इस गैंग ने अब तक लोगो को करीब 1000 पासपोर्ट और वीजा उपलब्ध कराएं हैं। यह सभी फर्जी दस्तावेजों के जरिए उपलब्ध कराए गए हैं। इस मामले पर हमने क्राइम ब्रांच के डीसीपी रोहित मीणा से बात की। उन्होंने बताया कि यह गैंग पुलिस की रडार पर था। ऐसे लोगों को यह गैंग चिन्हित करता था जो यूरोपियन कंट्री में जाना चाहते थे लेकिन उनके पास सभी आवश्यक दस्तावेज नहीं होते थे।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि यह फर्जी वीजा रैकेट दिल्ली के कनॉट प्लेस से संचालित हो रहा था। आरोपियों के पास से विभिन्न देशों के 300 पासपोर्ट के साथ-साथ बड़ी संख्या में जाली/आपत्तिजनक दस्तावेज, स्टाम्प, लैपटॉप, टैबलेट बरामद किए गए हैं। मामले में आगे की जांच चल रही है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई कि इस गैंग का एक सदस्य धार्मिक सत्संग में जाया करता था। वहां मौजूद लोगों में अपने शिकार की तलाश करता था। जो लोग विदेश जाने के इच्छुक होते थे उनसे बात करके यह अपने टारगेट को तलाशते थे और फिर मोटी रकम लेकर फर्जी दस्तावेज पर पासपोर्ट और वीजा तैयार करवाते थे। बताया गया कि इस गैंग का सरगना ट्रैवल एजेंसी भी चला चुका है।