मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ( Ranveer Singh ) ने कहा कि 6 जनवरी 2020 को राजधानी में आदर्श आचार संहिता लागू हुई थी। उसी दिन से राज्य चुनाव मशीनरी ने शहर में शांतिपूर्ण मतदान कराने की जिम्मेदारी खुद के कंधों पर ले ली थी। चुनाव के दौरान धन-बल, शराब, अवैध हथियारों, मादक पदार्थ इत्यादि का इस्तेमाल कतई न हो सके, राज्य चुनाव मशीनरी ने जब इस वास्ते कमर कसी तो, आयकर, दिल्ली पुलिस, ड्रग महकमों को उसका आदेश मानना मजबूरी हो गया। वरना जो काम 29 दिन में राज्य चुनाव मशीनरी ने किया उसे संबंधित विभाग और एजेंसियां पहले ही खुद भी कर सकते थे।
जानकारी के मुताबिक 29 दिनों में विभिन्न एजेंसियों द्वारा जो जब्ती की गयी है वो 52 करोड़ 87 लाख 69 हजार 815 रुपये की आंकी गयी है। इस जब्ती में शराब, मादक पदार्थ, नकदी, जेवरात व अन्य कीमती धातुएं शामिल हैं। दिल्ली राज्य चुनाव मुख्यालय के मुताबिक, वर्ष 2015 में राज्य में हुए विधान सभा चुनाव में केवल 2 करोड़ 42 लाख 79 हजार 766 रुपये की कीमत की जब्ती थी, इसमें भी 42 लाख 38 हजार 500 रुपए नकद पकड़े गये थे। बाकी की कीमत में शराब,मादक पदार्थ, कीमती धातु इत्यादि शामिल थे। इस बार जब्ती का आंकड़ा पिछले चुनाव की तुलना में कहीं ज्यादा ऊपर जा पहुंचा है। यह भी राज्य चुनाव मशीनरी की सख्ती का ही साफ-साफ नतीजा है।
राज्य चुनाव मुख्यालय के नोडल अधिकारी नलिन चौहान ने बताया कि इस बार अब तक, राज्य में चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से जो 52,87,69,815 की जब्ती हुई है, इसमें 10 करोड़ 2 लाख 79 हजार 540 सिर्फ नकदी है। जबकि बीते विधानसभा चुनाव में सिर्फ 42 लाख 38 हजार 500 रुपए ही संदिग्ध नकदी के बतौर जब्त हो पाए थे। इसी तरह इस बार चले चुनाव मशीनरी के चाबुक के कारण 2 करोड़ 63 लाख 35 हजार 615 रुपये कीमत की शराब पकड़ी जा चुकी है। 6 जनवरी 2020 तक के चुनाव मुख्यालय से हासिल आंकड़ों के अनुसार इस बार पांच फरवरी तक 5 करोड़ 87 लाख 37 हजार 750 रुपये कीमत के मादक, नशीले पदार्थ व 32 करोड़ 18 लाख 6 हजार 910 रुपये कीमत के आभूषण भी विभिन्न एजेंसियों की मदद से जब्त हुए हैं।