दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि शाहीन बाग इलाके में लोग न इकट्ठे हों और न ही प्रदर्शन करें।
जो भी इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि शाहीन बाग में महिलाएं लगभग ढाई महीने से लगातार धरने पर बैठी हैं।
ये महिलाएं नागरिकता कानून को हटाने की मांग पर अड़ी हैं।
मिली जानकारी के अनुसार साउथ ईस्ट दिल्ली के तुगलकाबाद , बदरपुर , जैतपुर ,मदनपुर खादर सहित अन्य इलाकों में काफी लोग इकठ्ठा हो सकते हैं।
शाहीनबाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन के विरोध में प्रदर्शन करने का प्लान की तैयारी चल रही है। बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के नेतृत्व में गुर्जर शाहीन बाग में बैठे लोगों के खिलाफ प्रदर्शन का प्लान था। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है, अब से कुछ ही देर में पैरामिलिट्री को भी इलाके के लिए स्टैंडबाई पर रखा गया है।
हालांकि कल बिधूड़ी ने फिलहाल अपने लोगों से प्रदर्शन नहीं करने के लिए कहा है।
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खबर मिली है कि शाहीन बाग में धरने पर बैठे लोगों को आज पुलिस शांति पूर्वक या बल प्रयोग करके हटा सकती है।
दरअसल, शाहीन बाग में धारा 144 लागू करना का फैसला ऐसे समय लिया गया है, जब दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट इलाके में हिंसा हुई है।
इसके साथ ही दूसरी ओर हिंदू सेना ने भी 1 मार्च यानी आज से शाहीन बाग कूच का ऐलान किया था। हालांकि, हिंदू सेना ने बाद में अपना फैसला बदल लिया।
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गौरतलब है कि शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन को दो महीने से अधिक समय हो चुका है, वहीं प्रदर्शनकारियों की तरफ से लगातार मांग की जा रही है कि इस कानून को वापस लिया जाए, लेकिन इस कानून के विरोध में एकजुट हुए प्रदर्शनकारियों में नेतृत्व और अगुवाई करने वाला कोई नहीं है, जिसे लेकर उनके बीच मतभेद भी है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए नियुक्त किए गए हैं। इन वार्ताकारों ने शाहीनबाग पहुंच कर प्रदर्शनकारियों से मुलाकात और बातचीत भी की है, लेकिन मसले का कोई हल नहीं निकला।
प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करने वालों वार्ताकारों में वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह शामिल हैं।