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डेंगू के नाम पर लूटने वाले फोर्टिस पर दर्ज होगी FIR, मृतक के परिजन को दिया था 16 लाख का बिल

Published: Dec 06, 2017 10:01:32 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

गुरुग्राम स्थित फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ सात वर्षीय बच्ची आध्या की मौत और 16 लाख रुपए के बिल के मामले में FIR दर्ज होगा

Fortis hospital
चंडीगढ़। गुरुग्राम स्थित फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ सात वर्षीय बच्ची आध्या की मौत और करीब 16 लाख रुपए के बिल के मामले में एफआईआर दर्ज की जाएगी। सरकार ने अस्पताल के ब्लड बैंक का लाइसेंस रद्द करने के भी आदेश दे दिए हैं।

फोर्टिस जमीन की लीज भी हो सकती है रद्द
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि शुरुआती जांच में पाई गई अनियमितताओं के आधार पर फोर्टिस अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा। साथ ही अस्पताल की जमीन की लीज रद्द करने संबंधी संभावनाएं तलाशने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को लिखा जाएगा। आईएमए के नियमों की अनदेखी के लिए एमसीआई को भी उचित कार्रवाई के लिए लिखा गया है।

अस्पताल के काम-काज की होगी जांच
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बुधवार को कहा कि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. राजीव वडेरा के नेतृत्व में गठित कमेटी ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली में खामियां और अनियमितताएं पाईं। जांच कमेटी के सामने बच्ची के अभिभावकों ने भी बयान दर्ज कराए।

ये अनियमितताएं पाई कमेटी ने
अस्पताल ने न केवल डायग्नोज प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया, बल्कि आईएमए के नियमों की भी अनदेखी की गई।
बच्ची के उपचार में जेनेरिक और सस्ती दवाइयों की बजाय अस्पताल ने जानबूझ कर आईएमए के नियमों का उल्लंघन करते हुए महंगी दवाइयों का
प्रयोग किया।
डेंगू के मरीज की जानकारी स्थानीय सरकारी नागरिक अस्पताल को देनी होती है, लेकिन फोर्टिस ने ऐसा नहीं किया।
अस्पताल ने मरीज को 25 बार प्लेटलेट्स चढ़ाए, जिसका अतिरिक्त बिल बनाया गया।

अस्पताल ने पीड़ित को 16 लाख का बिल थमाया
गौरतलब है कि 31 अगस्त को सात साल की आद्या को डेंगू की शिकायत होने के बाद गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन 16 दिन रखने के बाद भी उसकी मौत हो गई। 14 सितंबर को अस्पताल ने बच्ची को मृत्य घोषित कर परिजनों को सौंप दिया। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने पीड़ित परिजनों को 16 लाख रुपए का बिल थमा दिया। मृतक के माता पिता का आरोप है कि अस्पताल के डाक्टरों ने आध्या को इलाज पर प्रतिक्रिया देना बंद कर दिया था। इसके बावजूद मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया।
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