ग्वालियर

सेफ्टी और वर्क कल्चर डेवलप करेंगे तो आगे होगा टूरिज्म

इंडिया के शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए भारत सरकार रुपया लगा रही है। स्मार्ट सिटी को इस तरह से बनाया जाना चाहिए कि उसमें टूरिज्म एक बड़ा पार्ट हो। सिंगापुर जैसे शहर को टूरिस्ट सिर्फ उसके अट्रेक्शन के कारण ही देखने जाते हैं। ग्वालियर में तो फोर्ट के साथ-साथ और भी हिस्टोरिकल प्लेस हैं।

ग्वालियरFeb 19, 2019 / 06:45 pm

Harish kushwah

International Conference

ग्वालियर. इंडिया के शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए भारत सरकार रुपया लगा रही है। स्मार्ट सिटी को इस तरह से बनाया जाना चाहिए कि उसमें टूरिज्म एक बड़ा पार्ट हो। सिंगापुर जैसे शहर को टूरिस्ट सिर्फ उसके अट्रेक्शन के कारण ही देखने जाते हैं। ग्वालियर में तो फोर्ट के साथ-साथ और भी हिस्टोरिकल प्लेस हैं। इस सिटी को टूरिज्म के हिसाब से ही डेवलेप किया जाना चाहिए। यह बात आइआइएम अहमदाबाद से आए प्रो.एन.रविचंद्रन ने कही। वे यहां आइआइटीटीएम (भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान) में दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। कॉन्फ्रेंस का विषय स्मार्ट टूरिज्म, स्मार्ट डेस्टीनेशन एंड लिमिट्स ऑफ बींग ट्रेवलर रखा गया है। इसमें देश-विदेश के कई अकादमिक एक्सपर्ट्स ने हिस्सा लिया। कॉन्फ्रेंस में कई रिसर्च स्कॉलर्स ने पेपर प्रेजेंट भी किए। प्रो.एन.रविचंद्रन ने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि सिटी को इस तरीके से डेवलेप किया जाना चाहिए कि टूरिस्ट उसके इतिहास को जान सकें। इटली से आए प्रो.मेरिना एमवेहिसो ने बताया कि पहले हमें स्मार्ट सिटी को डेवलेप करना चाहिए जो कि सेंसेबिलिटी, सेफ्टी और वर्क कल्चर पर आधारित हो।
ये रहे मौजूद

इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में प्रो.सुन सासू होसीमोटो जापान, प्रो.समीर थापा नेपाल, प्रो.कमिददो आबिदजान तासकंद, प्रो.संजय नाडकर्णी दुबई, प्रो.पीके सिंह आइआइएम इंदौर, प्रो.सत्य भूषण दास आईआईएम लखनऊ, प्रो.एन रवि आईआईएम चेन्नई, प्रो.सत्य प्रकाश बंसल वीसी हिमाचल टेक्नीकल यूनिवर्सिटी, प्रो.सितीकंठ मिश्रा, शिक्षा अनुसंधान उड़ीसा, पूर्व निदेशक आईआईटीटीएम प्रो.एसडी देशमुख, प्रो.मोनिका प्रकाश प्रधान अधिकारी नोएडा, डॉ.पवन गुप्ता सीओई नोएडा आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन रानू चौहान व डॉ.कामक्षी माहेश्वरी ने तथा वोट ऑफ थैंक्स ऑर्गनाइजिंग कमेटी डॉ.सौरभ दीक्षित ने किया। मंगलवार को वेलेडेक्ट्री फंक्शन में चर्चा के बाद पुरस्कार वितरण किया जाएगा।
स्मार्ट सिटी ऐसी हो कि टूरिज्म भी बढ़ सके

प्रो.मेरिना ने कहा कि स्मार्ट सिटीज को इस तरह से डेवलेप किया जाए कि वहां पर्यटन लंबे समय तक चल सके। इंदौर आइआइएम से आए प्रो.पीके सिंह ने कहा कि हम कुछ स्थानों को अलग नजरिए से विकसित करना चाहिए जैसे कि कोटा के आसपास रिलेजिएस प्लेस हैं इनको किस तरह से डेवलप किया जाए और इस पर विचार करने की आवश्यकता है। आइआइटीटीएम के डायरेक्टर प्रो.संदीप कुलश्रेष्ठ डायरेक्टर आइआइटीटीएम ने कहा कि स्मार्ट टूरिज्म, स्मार्ट डेस्टीनेशन एंड लिमिट्स ऑफ बींग ट्रेवलर वर्तमान समय में बहुत महत्वपूर्ण है। इसके द्वारा भारत सरकार भारत के 12 स्मार्ट सिटी को स्मार्ट टूरिज्म को टूरिस्ट डेस्टीनेशन के रूप में विकसित कर सकती है। नेपाल से आए प्रो.समीर थापा ने कहा कि माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर ब्रेकफास्ट पर 5 महीने की बुकिंग चलती है तथा पर्यटकों को स्मार्ट तरीके से हैंडल किया जाता है। ऐसा दूसरी जगहों पर भी किया जा सकता है। आईआईएम लखनऊ के एक्स प्रो.तपन पांडा ने क्लाउड कंप्यूटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स एवं बिग डाटा को स्मार्ट पर्यटन के विकास के बारे में बताया। उन्होंने वर्चुल एक्सपीरेंस की भी जानकारी दी।
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