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महाराष्ट्रः पुलिस ने किया ‘नकली पुलिस’ का खुलासा, आरोपियों को दिलाते थे जमानत

locationनई दिल्लीPublished: Oct 27, 2018 04:05:34 pm

महाराष्ट्र में एक नकली पुलिस का रैकेट पकड़ा गया है, जो खुद को किसी थाने का सीनियर इंस्पेक्टर बताकर करीब 150 लोगों को जमानत दिला चुका है।

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मुंबई। महाराष्ट्र में एक नकली पुलिस का रैकेट पकड़ा गया है, जो खुद को किसी थाने का सीनियर इंस्पेक्टर बताकर करीब 150 लोगों को जमानत दिला चुका है। क्राइम ब्रांच के डीसीपी दिलीप सावंत ने रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए बताया कि ऐसे 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
मीडिया से बातचीत में सावंत ने बताया कि यह नकली पुलिस गैंग फर्जी दस्तावेज बनाकर तमाम अदालतों से लोगों को जमानत दिलवाता था। गैंग के पास यह फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए नकली राशन कार्ड, मजिस्ट्रेट-सेशन कोर्ट की नकली मोहर, हाउस एग्रीमेंट, निजी कंपनियों की सैलरी स्लिप, स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट और पुलिस थानों की मोहर का इस्तेमाल करता था।
जमानत
पुलिस के मुताबिक इन आरोपियों के पास से बरामद दस्तावेज बताते हैं कि महाराष्ट्र के इस गैंग ने शिवाजी नगर, तिलक नगर, चेंबूर, धारावी, माटुंगा, वाशी, वाशिम और बीड पुलिस थानों के सीनियर इंस्पेक्टरों के नकली हस्ताक्षर करने के साथ ही फर्जी सील और रबर स्टैंप भी बनवाए थे।
सावंत ने बताया कि इस गैंग ने जाली कागजात के जरिये जिला एवं सत्र न्यायालयों से 200 लोगों और मेट्रोपॉलिटन अदालत से 300 लोगों को जमानत दिलावाई। पुलिस का कहना है कि जब कई आरोपियों को जमानत नहीं मिलती है तो फर्जी जमानत दिलाने वाले रैकेट के लोग इनसे संपर्क करते हैं। यह रैकेट 25 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक जमानत दिलवाता है।
यह नकली पुलिस रैकेट खुद ही सीनियर इंस्पेक्टर बनकर रिपोर्ट तैयार करते थे, खुद हस्ताक्षर करने के बाद नकली मोहर और सील लगाने के बाद न्यायिक क्लर्क को थमा देते थे। बस इसके बाद आरोपी को जमानत दे दी जाती थी। क्राइम ब्रांच की टीम अब यह जांच कर रही है कि क्या न्यायिक क्लर्क भी इस रैकेट में शामिल हैं या फिर अपने कार्य में लापरवाही बरतते थे।
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