तीन नकाबपोश ने मारी गोली
जानकारी के मुताबिक फिरोज बुधवार शाम के सात बजे वैगनआर कार में सेक्टर 22 और 23 से गुजर रहा था। मोटरसाइकिल सवार दो नकाबपोश उसका पीछा कर रहे थे। कार के पास पहुंचते ही नकाबपोशों ने फिरोज अली को निशाना बनाते हुए गोलियों से भून दिया। हालांकि खतरे को भांपते हुए फिरोज ने पिस्टल निकालने की कोशिश की लेकिन उससे पहले ही उसे कई गोलियां लग चुकी थीं। पुलिस ने मौके से पिस्टल बरामद कर ली है। अली को निशाना बनाने के बाद शूटर उसी की कार से पुलिस को चकमा देकर भागने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने उन्हें द्वारका क्षेत्र में ही दबोच लिया। दोनों की पहचान पचरुखी निवासी शब्बीर (28) और अमजद (30) के रूप में की गई है। पुलिस को शक है कि इस हत्या का कारण सिवान में दो गुटों के बीच जमीनी वर्चस्व की लड़ाई है। दोनों आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे 12 फरवरी को दिल्ली आए थे। दो दिनों से वे फिरोज का पीछा कर रहे थे। सेक्टर 23 से फिरोज की कार बरामद कर ली गई है।
जानकारी के मुताबिक फिरोज बुधवार शाम के सात बजे वैगनआर कार में सेक्टर 22 और 23 से गुजर रहा था। मोटरसाइकिल सवार दो नकाबपोश उसका पीछा कर रहे थे। कार के पास पहुंचते ही नकाबपोशों ने फिरोज अली को निशाना बनाते हुए गोलियों से भून दिया। हालांकि खतरे को भांपते हुए फिरोज ने पिस्टल निकालने की कोशिश की लेकिन उससे पहले ही उसे कई गोलियां लग चुकी थीं। पुलिस ने मौके से पिस्टल बरामद कर ली है। अली को निशाना बनाने के बाद शूटर उसी की कार से पुलिस को चकमा देकर भागने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने उन्हें द्वारका क्षेत्र में ही दबोच लिया। दोनों की पहचान पचरुखी निवासी शब्बीर (28) और अमजद (30) के रूप में की गई है। पुलिस को शक है कि इस हत्या का कारण सिवान में दो गुटों के बीच जमीनी वर्चस्व की लड़ाई है। दोनों आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे 12 फरवरी को दिल्ली आए थे। दो दिनों से वे फिरोज का पीछा कर रहे थे। सेक्टर 23 से फिरोज की कार बरामद कर ली गई है।
क्या है मामला
सिवान के खान भाईयों में कुख्यात अयूब खान और फिरोज के बीच जमीन कारोबार को लेकर वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। 19 फरवरी 2015 को नगर थाना क्षेत्र के गुलजार बाजार में बाइक सवार बदमाशों ने फिरोज के घर पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इसमें फिरोज के सहयोगी टिंकू की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसके पांव में गोली लगी थी। इस मामले में घायल फिरोज के बयान पर पुलिस ने सिसवन थाना क्षेत्र के ग्यासपुर निवासी रईस खां, राजा,आफताब, पीर मोहम्मद, दिलीप, अजीत व तूफानी को नामजद किया था। इसके बाद से ही फिरोज भूमिगत हो गया और काफी समय से वह दिल्ली में रह रहा था। टिंकू हत्याकांड में मुख्य गवाह होने के कारण दूसरा गुट उसकी तलाश कर रहा था। द्वारका क्षेत्र में होने की जानकारी मिलते ही उन्होंने उसकी हत्या कर दी।
सिवान के खान भाईयों में कुख्यात अयूब खान और फिरोज के बीच जमीन कारोबार को लेकर वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। 19 फरवरी 2015 को नगर थाना क्षेत्र के गुलजार बाजार में बाइक सवार बदमाशों ने फिरोज के घर पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इसमें फिरोज के सहयोगी टिंकू की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसके पांव में गोली लगी थी। इस मामले में घायल फिरोज के बयान पर पुलिस ने सिसवन थाना क्षेत्र के ग्यासपुर निवासी रईस खां, राजा,आफताब, पीर मोहम्मद, दिलीप, अजीत व तूफानी को नामजद किया था। इसके बाद से ही फिरोज भूमिगत हो गया और काफी समय से वह दिल्ली में रह रहा था। टिंकू हत्याकांड में मुख्य गवाह होने के कारण दूसरा गुट उसकी तलाश कर रहा था। द्वारका क्षेत्र में होने की जानकारी मिलते ही उन्होंने उसकी हत्या कर दी।
फिरोज पर सिवान में दर्ज हैं कई केस
पुलिस के मुताबिक मृतक फिरोज अली पहले बिहार के बाहुबली नेता शाहबुद्दीन के साथ काम करता था और उस पर कई केस भी दर्ज हैं। बिहार में फिरोज अली और रईस खान के लोगों के बीच काफी समय से गैंगवॉर भी चल रही थी, जिसमें दोनों तरफ के कई लोग पहले ही मारे जा चुके हैं। पुलिस का कहना है कि रईस खान के गिरोह ने ही फिरोज अली की हत्या के लिए बिहार से सुपारी किलर्स दिल्ली भेजे थे। आरोपी दो दिन पहले ही इस वारदात को अंजाम देने के लिए दिल्ली आए थे।
पुलिस के मुताबिक मृतक फिरोज अली पहले बिहार के बाहुबली नेता शाहबुद्दीन के साथ काम करता था और उस पर कई केस भी दर्ज हैं। बिहार में फिरोज अली और रईस खान के लोगों के बीच काफी समय से गैंगवॉर भी चल रही थी, जिसमें दोनों तरफ के कई लोग पहले ही मारे जा चुके हैं। पुलिस का कहना है कि रईस खान के गिरोह ने ही फिरोज अली की हत्या के लिए बिहार से सुपारी किलर्स दिल्ली भेजे थे। आरोपी दो दिन पहले ही इस वारदात को अंजाम देने के लिए दिल्ली आए थे।