scriptजानिए, कैसे देश में पहली बार किडनैपर्स ने ola कंपनी से ही 5 करोड़ की फिरौती मांग ली | first time in the country, Kidnapers sought ransom worth Rs 50 million from the OLA | Patrika News

जानिए, कैसे देश में पहली बार किडनैपर्स ने ola कंपनी से ही 5 करोड़ की फिरौती मांग ली

Published: Jul 21, 2017 10:12:00 am

Submitted by:

ललित fulara

आरोपी अपहरण के जरिए मोटी रकम वसूलना चाहते थे। इसीलिए डॉक्टर के अपहरण के बाद उनके परिजनों को फोन करने के बजाए ओला से ही पांच करोड़ की फिरौती मांग ली।

ola cab

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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली से अपहरण की एक ऐसी खबर आई है कि हर कोई हैरान है। यहां ओला कैब के ड्राइवर ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक डॉक्टर का अपहरण कर लिया, जो उस कैब की सवारी थी। दरअसल आरोपी अपहरण के जरिए मोटी रकम वसूलना चाहते थे। इसीलिए डॉक्टर के अपहरण के बाद उनके परिजनों को फोन करने के बजाए ओला से ही पांच करोड़ की फिरौती मांग ली। बदनामी के डर से कंपनी फिरौती देने को तैयार भी हो गई, लेकिन उनकी एक छोटी सी भूल आज सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

लास्ट मैट्रो छूटी तो हो गए किडनैप
6 जुलाई की रात 11.40 बजे डॉक्टर श्रीकांत प्रीत विहार मेट्रो स्टेशन पहुंचे लेकिन आखिरी मेट्रो निकल चुकी थी। इसके बाद श्रीकांत ने ओला कैब बुक किया। यह मजह संयोग ही था कि अपहरण की साजिश रचकर बैठा बदमाश ड्राइवर मेट्रो स्टेशन पहुंच गया और डॉक्टर को पहली सवारी की तरह बैठा लिया। डॉक्टर श्रीकांत अभी कुछ समझ पाते तभी आगे बढ़ने पर कुछ और लोग बैठ गए। इसके बाद श्रीकांत को अनहोनी की जानकारी लगी।

पैसेंजर के नंबर से कंपनी को धमकी
अपहरण के बाद कैब ड्राइवर जो पेशे से बदमाश था उसने श्रीकांत के मोबाइल से ओला कंपनी को फोन किया और सवारी के बदले पांच करोड़ रुपए की फिरौती मांगी। कंपनी ने इसकी जानकारी तुरंत पुलिस को दी। जांच में पता चला कि गाड़ी के सभी दस्तावेज फर्जी हैं। फिर पुलिस ने गाड़ी में लगे जीपीएस के आधार पर गाड़ी का लोकेशन निकाला फिर मेरठ, हरिद्वार और गाजियाबाद में कई टीमें तलाश में जुट गईं।
रात में अंतिम मेट्रो ट्रेन न चूकते तो अपहरण के शिकार न होते डॉ श्रीकांत गौड़
दिल्ली से अगवा, मेरठ में बरामदगी
13 दिन बाद पुलिस ने मेरठ से डॉक्टर श्रीकांत को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया। दिल्ली पुलिस के एनकाउंटर में चार बदमाशों को गिरफ्तार भी किया है। उनमें से एक बदमाश को गोली भी लगी है। डॉक्टर श्रीकांत अपहरण केस को सुलझाने में दिल्ली पुलिस के दर्जनों जवान और अधिकारी शामिल थे।

ओला की ब्रांड वैल्यू पर थी नजर
जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि बदमाश ओला कंपनी की ब्रांड वैल्यू को भुनाना चाहते थे। वो जानते थे कि ओला 5 करोड़ रुपये के लिए कंपनी की बदनामी नहीं होने देगी। आरोपियों के पास से अखबार की कटिंग भी मिली है, जिसमें ओला की लापरवाही संबंधी खबरें छपी थी।


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