नगर निगम के पूर्व उप महापौर सम्पत सांखला पर अजमेर विकास प्राधिकरण की अवाप्तशुदा जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो इंटेलीजेंस यूनिट ने शिकंजा कस दिया है। एसीबी की पड़ताल में एडीए की बेशकीमती भूमि को नगर निगम से नक्शा पास करवाकर खरीद-फरोख्त का षडय़ंत्र रचना पाया गया है। भ्रष्टाचार के खेल में जमीन के नक्शे पास कराने में ना एएमसी नम्बर जांचा गया, ना चेन दस्तावेज जांचे गए और ना मौका रिपोर्ट बनी। नक्शे बनाने से जमीन बेचान तक हर स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया। हालांकि एसीबी को प्रकरण में अब एडीए से कुछ दस्तावेज व तथ्यों का इंतजार है।
अवाप्तशुदा जमीन का सौदा, नक्शा भी पास! अनुसंधान अधिकारी पारसमल ने बताया कि एसीबी को मिली शिकायत कि जांच में सामने आया कि वर्ष 2015 में प्रोपर्टी डीलर सोहनलाल चौधरी, रामअवतार ने कोटड़ा बैरवा बस्ती स्थित 638 वगगर्ज जमीन महेन्द्र से खरीदी। उन्होंने नगर निगम से नक्शा पास करवाने के लिए भूखण्ड के तीन टुकड़े किए। दो-दो सौ वर्गगज के भूखण्ड उन्होंने पत्नियों को गिफ्ट डीड कर दी। जबकि 238 वर्गगज का भूखण्ड सोहनलाल ने स्वयं के नाम पर रखा। तीनों भूखण्डों का नगर निगम से अगस्त 2015 में नक्शा पास करवा लिया गया। जबकि उक्त भूमि 15 जुलाई 06 में नगर सुधार न्यास हरिभाऊ उपाध्याय नगर योजना में अवाप्तशुदा थी।
यूं चला खरीद-फरोख्त का खेल
एसीबी की पड़ताल में आया कि प्रोपर्टी डीलर सोहनलाल चौधरी, रामअवतार ने निगम से नक्शा पास करवाने के बाद पत्नियों के नाम की गिफ्ट डीड को अपने नाम पर पूर्ण बिक्री अधिकार ले लिए। एक अप्रेल 2018 को तत्कालीन उप महापौर सम्पत सांखला को सोहनलाल ने जमीन करीब एक करोड़ में बेचान कर दी। ढाई-तीन माह बाद ही सांखला ने इकरारनामे से भूमि का आधा हिस्सा 55 लाख रुपए में भू-कारोबारी राजू लालवानी को बेच दिया। लालवानी ने एसीबी को मूल इकरनामा व अन्य दस्तावेज मुहैया कराए हैं। उधर पूर्व उपमहापौर सांखला ने एसीबी को निरस्त इकरारनामे की कॉपी दी है।
एसीबी की पड़ताल में आया कि प्रोपर्टी डीलर सोहनलाल चौधरी, रामअवतार ने निगम से नक्शा पास करवाने के बाद पत्नियों के नाम की गिफ्ट डीड को अपने नाम पर पूर्ण बिक्री अधिकार ले लिए। एक अप्रेल 2018 को तत्कालीन उप महापौर सम्पत सांखला को सोहनलाल ने जमीन करीब एक करोड़ में बेचान कर दी। ढाई-तीन माह बाद ही सांखला ने इकरारनामे से भूमि का आधा हिस्सा 55 लाख रुपए में भू-कारोबारी राजू लालवानी को बेच दिया। लालवानी ने एसीबी को मूल इकरनामा व अन्य दस्तावेज मुहैया कराए हैं। उधर पूर्व उपमहापौर सांखला ने एसीबी को निरस्त इकरारनामे की कॉपी दी है।
जमीन के बदले जमीन! एसीबी पड़ताल में आया कि कोटड़ा बैरवा बस्ती स्थित एडीए की 638 वर्गगज जमीन के पीछे पूर्व उपमहापौर सम्पत सांखला की पत्नी के नाम पर 438 वर्गगज जमीन थी। सांखला ने पत्नी के नाम का 438 वर्गगज का भूखण्ड सोहन लाल को देने के बाद अलग से 11 लाख रुपए दिए। जिसके एसीबी के पास पर्याप्त सबूत हैं। एसीबी अधिकारियों का मानना है कि सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त में जिन-जिन लोगों ने प्रत्यक्ष-परोक्ष भूमिका निभाई वे सभी दोषी हैं। एसीबी प्रकरण में कुछ तथ्य जुटाने के बाद मुख्यालय को प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई के लिए भेजेगा।
निगमकर्मियों की भी मिलीभगत अनुसंधान अधिकारी पारसमल का मानना है कि सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त के षडय़ंत्र में निगम अधिकारी-कर्मचारी की मिलीभगत साफ नजर आती है। एकल खिड़की योजना में 250 वर्गगज खण्ड के नक्शे के लिए रसीद राशि जमा करवाने पर निगम के आर्किटेक को नक्शा बनाने और लीगल सेल को दस्तावेज जांच की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन किसी ने भी एएमसी नम्बर व दस्तावेजों की जांच करना मुनासिब नहीं समझा। तीनों भूखण्ड के नक्शे आसानी से स्वीकृत हो गए। सांखला के अलावा प्रकरण में प्रेमसिंह तंवर, महेन्द्र, सोहनलाल और रामअवतार समेत कई लोगों की लिप्तता सामने आई है।
मेरे खिलाफ राजनैतिक षडय़ंत्र!
मैंने कोई सरकारी जमीन खरीदी ही नहीं। दलाल बेचने आया तो सौदा कर इकरारनामा किया। राजस्व के जानकारों को दस्तावेज दिखाए तो पसंद नहीं आए। इकरारनामे को निरस्त करवा दिया। मैं जमीन खरीदता तो पंजीयन कराता। जब मैंने पंजीयन कराया ही नहीं तो जमीन मेरी कैसे हुई। चुनावी मुद्दा बनाते हुए मुझे राजनैतिक षडय़ंत्र में फंसाया जा रहा है। जमीन का जिसने नक्शा पास कराया, रजिस्ट्रेशन कराया, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मैंने कोई सरकारी जमीन खरीदी ही नहीं। दलाल बेचने आया तो सौदा कर इकरारनामा किया। राजस्व के जानकारों को दस्तावेज दिखाए तो पसंद नहीं आए। इकरारनामे को निरस्त करवा दिया। मैं जमीन खरीदता तो पंजीयन कराता। जब मैंने पंजीयन कराया ही नहीं तो जमीन मेरी कैसे हुई। चुनावी मुद्दा बनाते हुए मुझे राजनैतिक षडय़ंत्र में फंसाया जा रहा है। जमीन का जिसने नक्शा पास कराया, रजिस्ट्रेशन कराया, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
-सम्पत सांखला, पूर्व उप महापौर, नगर निगम अजमेर