छिंदवाड़ा

गोटमार की अनोखी प्रथा: हर बार भारी पड़ जाती है आस्था, 13 की मौत के बाद भी नहीं बदली परम्परा

आस्था के नाम पर निभाई जाने वाली परम्परा का दूसरा पहलू

छिंदवाड़ाSep 11, 2018 / 10:54 am

prabha shankar

Gotmar Mela In Chhindwara

जितेंद्र अतकरे
छिंदवाड़ा / पांढुर्ना. गोटमार यूं तो आस्था के नाम पर निभाई जाने वाली परम्परा है, लेकिन इस खेल में सोमवार से पहले 12 लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को गोटमार में ग्राम बेलगांव भुयारी निवासी शंकर पिता झिंगु भलावी 25 वर्ष की मौत से फिर एक परिवार का चिराग बुझ गया। शंकर की मौत से गोटमार मेले में मरने वालों का आंकड़ा 13 पहुंच गया है।
फंसती रही एम्बुलेंस
सांवरगांव पक्ष के घायलों को अस्पताल में पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस को रामधक्के के पास बनी पुलिया पार करने में परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां पर दोपहर बाद दर्शकों की संख्या भी बढ़ गई। महिला-पुरुष पुलिया पर खड़े होकर गोटमार देख रहे थे। एम्बुलेंस चालक कई बार मिन्नते करता हुआ नजर आया। यह हालत एसपी अतुल सिंह से देखी नहीं गई, उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल मौर्य को निर्देशित किया और पुलिस ने पहुंचकर पुलिया खाली कराई।
सबसे पहले झंडे की पूजा
सुबह 5 बजे पूजा-अर्चना कर नदी में झंडा गाड़ा गया। लोगों ने झंडे की पूजा पाठ की। इसके बाद शुरुआत हुई। शुरुआत में सांवरगांव पक्ष पांढुर्ना पर हावी रहा और पांढुर्ना में घूस-घूसकर पत्थरबाजी करते रहे। इस पत्थरबाजी के कारण दोपहर 2 बजे तक घायलों की संख्या 150 के पार पहुंच गई थी। दोपहर 3 बजे के बाद दोनों पक्षों की ओर से पत्थरों की तेज बारिश शुरू हुई। इस दौरान खेल में गोफन का प्रयोग किया गया। गोफन के पत्थरों से कुछ दर्शक भी घायल हो गए।
खुलेआम चले अवैध धंधे
मेले में खुलेआम अवैध धंधे संचालित हुए। जुआ, तीन पत्ती, सट्टा और अवैध शराब की बिक्री दिनभर से होती रही। गोटमार के पहले प्रशासन की लाख सक्रियता के बावजूद गोटमार मेले में अवैध गतिविधि होते रहीं।
अधिकारियों ने देखा गोटमार
कलेक्टर वेदप्रकाश और एसपी अतुल सिंह, एडीशनल एसपी कमल मौर्य, एसडीएम अतुल सिंह, दीपक वैद्य ने रामधक्के पर बने दर्शकदीर्घा में बैठकर गोटमार देखा। इस दौरान कलेक्टर वेदप्रकाश ने शांति से गोटमार मेला संपन्न कराने के लिए सभी खिलाडिय़ों का आभार माना।
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