महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को लेकर केंद्र और गुजरात सरकार भले ही लाख दावे करे लेकिन स्थिति इसके बिलकुल उलट है। कच्छा के इंस्टीट्यूट में हुई घटना तो कुछ यही इशारा कर रही है। आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
यह भी पढ़ेंः निर्भया गैंगरेप केस में सबसे बड़ा फैसला, दोषी विनय की तय हुई फांसी पीएम मोदी के गुजरात के कच्छ जिले से एक चौंकाने वाली खबर आई है। यहां एक इंस्टीच्यूट की प्रिंसिपल ने यह जानने के लिए कि सैनेटरी पैड किसने फेंका? 68 छात्राओं के कपड़े उतार कर उनकी जांच की।
इस मामले के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। अब इस मामले की जांच के लिए कच्छ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाई है। बनाई गई कमेटी में शामिल वाइस-चांसलर और तीन अन्य महिला प्रोफेसरों ने बीते गुरुवार को कॉलेज का दौरा भी किया।
कमेटी के सदस्यों का कहना है कि जांच खत्म होने के बाद रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। फिल्म मलंग को लेकर भड़की बीजेपी सरकार, पीछे की वजह जानकर रह जाएंगे दंग
यह मामला Swaminarayan Sampradaya से ताल्लुक रखने वाले Sahjanand Girls Institute का है। यहां के नियमों के मुताबिक जिस छात्रा को पीरियड आता है वो हॉस्टल के कमरे में नहीं बल्कि बेसमेंट में रहेगी।
उन्हें रसोईघर में घुसने और पूजा करने की इजाजत नहीं है। पीरियड खत्म हो जाने तक उन्हें अकेले में रहना पड़ता है। इतना ही नहीं पीरियड आने वाली लड़कियों को क्लास में अंतिम बेंच पर भी बैठना पड़ता है।