राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सामने भी परिवार ने आरोप लगाया कि चारों को एक फेक एनकाउंटर में मारा गया है। बता दें कि हैदराबाद एनकाउंटर पर सवाल उठने के बाद एनएचआरसी के अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मारे गए आरोपी जे नवीन की मां ने कहा कि वह मेरा इकलौता बेटा था और वह अभी महज 17 साल का था। उन्होंने बताया कि नवीन का जन्म साल 2002 में हुआ था। इतना ही नहीं नवीन ने कुछ साल पहले ही पढ़ाई छोड़ दी थी।
वहीं, मारे गए आरोपी शिवा के पिता जे रंजना ने बताया कि उसका बेटा भी 17 साल का था। शिवा का जन्म 5 अगस्त 2002 में हुआ था। उन्होंने गुडिगंडला सरकारी स्कूल के हेडमास्टर द्वारा जारी एक सर्टिफिकेट दिखाया। नवीन और शिवा ट्रक क्लीनर थे, जबकि मुख्य आरोपी अरीफ और चेन्नाकेशवुलु ट्रक चलाते थे। इतना ही नहीं जे रंजना ने इस एनकाउंटर को फेक करार दिया है। उन्होंने एनएचआरसी के अधिकारियों से कहा कि उन्हें शक है कि पुलिस ने उनके बेटे को एक फेक एनकाउंटर में मारा है।
दरअसल, रंजना का कहना था कि वह हथियारबंद पुलिस के सामने से भागने की कोशिश कैसे कर सकते हैं? हमें शक है कि उन्हें एक फेक एनकाउंटर में मारा गया है। अगर मेरे बेटे को अपराध किया भी हो तो भी पुलिस को उसे कोर्ट को सौंप देना चाहिए था। फिलहाल, पूरे मामले की छानबीन की जा रहा है और जल्द ही कोई बड़ा खुलासा हो सकता है।