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वहीं दूसरी ओर यूपी पुलिस पहले ही इन दोनों घटनाओं को अन्जाम देने वाले आरोपियों को गिरफ़्तार कर जेल भेज चुकी है। ऐसे में गुडगांव पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों के कबूलनामे ने यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है।
वहीं दूसरी ओर यूपी पुलिस पहले ही इन दोनों घटनाओं को अन्जाम देने वाले आरोपियों को गिरफ़्तार कर जेल भेज चुकी है। ऐसे में गुडगांव पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों के कबूलनामे ने यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है।
हालांकि दोनों मामलों में सीबीआई जांच कर रही है। इस पूरे घटनाक्रम पर यूपी पुलिस ने खुद को सही साबित करते हुए कहा कि हमने आरोपियों से माल बरामदगी भी की है। जबकि गुडगांव पुलिस ने जो आरोपी पकड़े हैं उनसे कोई बरामदगी नहीं हुई है। फिर भी नोएडा पुलिस की एक टीम गुड़गांव भेजी जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
एडीजी के बयान के बाद अब ये कयास उठने लगे हैं कि आखिर कौन से राज्य की पुलिस सही कह रही है हरियाणा या यूपी। सोचने वाली बात यह है कि इस मामले में यूपी पुलिस द्वारा जेल भेजे गए आरोपियों की तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है, क्योंकि अगर इस मामले में गुड़गांव पुलिस सही है तो काफी समय से जेल में बंद उन निर्दोष लोगों द्वारा किस गलती की सजा भुगती जा रही है |
इस मामले में एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार का कहना है कि बुलंदशहर गैंगरेप मामले में सीबीआई जांच पहले से ही चल रही है, इसके साथ-साथ तथ्यों के आधार पर हम इसकी जांच कराएंगे। जैसा कि न्यूज़ पेपर से पता चला है कि उन लोगों ने जुर्म कबूल किया है। वहां से कोई रिकवरी नहीं हुई है, जबकि यहां (यूपी) रिकवरी भी हुई है। सभी चीजों को इकट्ठा कर कार्रवाई कराई जाएगी। एक टीम गौतमबुद्ध नगर से जांच के लिए गुड़गांव भेजी गई है जो तथ्य प्रकाश में आएंगे उनके अनुसार कार्रवाई की जाएगी |