मुंबई पुलिस के प्रमुख से हटाए जाने से पहले राकेश मारिया को शीना बोरा मर्डर केस की जांच में करना पड़ा कई सवालों का सामना
मुंबई। मुंबई पुलिस के प्रमुख से हटाए जाने से पहले राकेश मारिया को हाई प्रोफाइल शीना बोरा मर्डर केस की जांच में अपने सीधे दखल को लेकर कई सवालों का सामना करना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक, इन सवालों ने मारिया को बहुत व्यथित किया। एक पखवाड़ा पहले पूर्व मीडिया एक्जीक्यूटिव इंद्राणी मुखर्जी समेत तीन लोगों को इंद्राणी की बेटी शीना बोरा के कत्ल के आरोप में गिरफ्तार किया था। यह मर्डर 2012 में हुआ था।
अन्य केस की तरह जांच को लियाइस केस की जांच में मारिया ने खुद सभी अभियुक्तों से घंटों तक पूछताछ की। कई मौकों पर उन्होंने मीडिया से बात भी की। मारिया के करीबी सूत्रों का कहना है कि मारिया ने अन्य केस की तरह इस केस की जांच को भी लिया। उन्हें पुलिस स्टेशन इसलिए जाना पड़ा, क्योंकि अभियुक्त हाई प्रोफाइल थे, सहयोग नहीं कर रहे थे और अंग्रेजी बोल रहे थे।
अंग्रेजी बोलने वाले अधिकारी हैमारिया को बताया गया था कि इंद्राणी मुखर्जी हाई-फाई अंग्रेजी बोल रही है और पुलिसकर्मियों से अच्छी तरह पेश नहीं आ रही है, लेकिन मारिया के आलोचकों का कहना है कि मुंबई पुलिस में और भी अंग्रेजी बोलने वाले अधिकारी हैं, जो पूछताछ को अंजाम दे सकते थे।
नहीं जानते थे पहले सेमारिया ने ऐसे आरोपों का खंडन किया है कि वे इंद्राणी मुखर्जी या उनके पति पीटर मुखर्जी को इस केस के सार्वजनिक होने से पहले से ही जानते थे। समझा जाता है कि मारिया ने जोर देकर कहा कि उन्होंने इंद्राणी मुखर्जी को पहली बार लॉक-अप में ही देखा। साथ ही पीटर मुखर्जी को भी पहली बार पूछताछ के दौरान देखा था।
इतनी जल्दी प्रमोशन की नहीं थी उम्मीदमंगलवार को मारिया को मुंबई पुलिस कमिश्नर से महाराष्ट्र होमगार्ड का डायरेक्टर जनरल बनाया गया। उनकी जगह अहमद जावेद ने पुलिस कमिश्नर का पद संभाला। मारिया का प्रमोशन निर्धारित था, लेकिन उन्हें खुद भी इतनी जल्दी प्रमोशन होने की उम्मीद नहीं थी। मंगलवार रात को स्पष्ट किया था कि शीना बोरा मर्डर केस की जांच खत्म होने तक मारिया ही अतिरिक्त प्रभार के तौर पर इसे देखेंगे।