क्राइम

CBI का खुलासा, इस वजह से नहीं हो पाता था आपका तत्काल टिकट

एक सॉफ्टवेयर के जरिए आईआरसीटीसी के सर्वर को हैक कर टिकटों की दलाली हो रही थी।

जयपुरDec 28, 2017 / 12:20 pm

ashutosh tiwari

नई दिल्ली। तत्काल टिकट को लेकर हो रहे एक घोटाले पर सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है। सीबीआई के मुताबिक कुछ लोग एक सॉफ्टवेयर के जरिए आईआरसीटीसी के सर्वर को हैक कर टिकटों की दलाली करते थे। इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
जानकारी के मुताबिक सीबीआई के ही एक असिस्टेंट प्रोग्रामर अजय गर्ग ने एक सॉफ्टवेयर बनाया था। इसके जरिए पल भर में तत्काल टिकट हो जाता था। अजय का एक खास आदमी अनिल कुमार बुकिंग एजेंटों तक ये सॉफ्टवेयर पहुंचाता था। एजेंट इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर तत्काल टिकट करते और यात्रियों से अच्छी खासी कमीशन वसूलते थे। खास बात ये है कि टिकट बुकिंग करने वाले एजेंटों को अजय गर्ग के बारे में नहीं पता होता था।
बिट क्वाइन के जरिए लेता था हिस्सा
अजय सॉफ्टवेयर के जरिए ही होने वाले टिकट पर नजर रखता था और उसी से कमीशन लेता था। अजय का खास अनिल जब भी दिल्ली आता तो वो उसे कैश में कमीशन दे देता था। अगर नगदी नहीं मिलती थी तो अजय बिट क्वाइन के हिस्सा लेता था। सीबीआई के मुताबिक अजय गर्ग 2007 से 2011 तक IRCTC में काम करता था। इस दौरान उसने साइट की कमजोरियों को पहचाना और एक सॉफ्टवेयर बनाया। इस सॉफ्टवेयर के जरिए पल भर में तत्काल टिकट हो जाता था, जबकि आम यात्रियों लंबी लाइनों में लगने के बाद भी टिकट नहीं हो पाते थे। टिकट में धांधली का ये कारोबार पिछले एक साल से जारी थी।
लंबी छापेमारी के बाद हुई गिरफ्तारी
सीबीआई लंबे वक्त से मामले की जांच कर रही थी। पुख्ता सूचना मिनले के बाद सीबीआई ने 14 स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान सीबीआई ने पूरे गिरोह का भांडफोड़ करते हुए अजय गर्ग और उसके करीबी अनिल को गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई की टीम को अजय के ठिकानों से 19 पेन ड्राइव, चार डोंगल, 89 लाख रुपये नकद, 61 लाख रुपये सोने की ज्वेलरी, 15 हार्डडिस्क, 52 मोबाइल फोन, 24 सिम कार्ड 10 नोटबुक, छह रॉउटर बरामद हुए हैं। फिलहाल साकेत की विशेष अदालत ने अजय को पांच दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

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