सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा, की जा रही है कार्रवाई
इस संदर्भ में मीडिया से बातचीत करते हुए महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री दिलीप कांबले ने कहा कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और आगे जांच की जा रही है। वहीं केंद्रीय सामाजिक कल्याण मंत्री रामदास अठावले ने इस घटना की निंदा करते हुए बच्चों पर अत्याचार करने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
ये है मामला
ये मामला महाराष्ट्र के जलगांव का है। इन लड़कों को दोष इतना भर था कि भारी गर्मी से राहत पाने के लिए पिछले रविवार को 3 लड़के गांव के तालाब में नहाने के लिए कूद गए थे। इनकी आयु मात्र 12 से 14 साल के करीब है। जैसे ही इस बात का पता स्थानीय लोगों को पता चला तो बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और लड़कों को बाहर निकलने को कहा। इसमें उच्च जाति के लोग थे। वे उन मासूम बच्चों पर बरस पड़े और कपड़ा खोलने के मजबूर कर दिया। इसके बाद उन्हें नंगाकर पूरे गांव में घुमाया। इतना ही नहीं बताते हैं कि भीड़ ने उन बच्चों के पिछले भाग पर छड़ी से मारा भी। भीड़ में से ही एक व्यक्ति न मारपीट का विरोध किया।
बच्चों के परिवार पर शिकायत वापस लेने का बनाया जा रहा है दबाव
इस घटना की शिकायत बच्चों के परिवार वालों ने स्थानीय पुलिस में दर्ज कराई है। लेकिन अब खबर यह है कि कुछ प्रभावशाली गांव वाले उन पर शिकायत लेने का दबाव बना रहे हैं।
कई दलों ने की निंदा
इस घटना की महाराष्ट्र की विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी समेत सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने भी निंदा की है। इसके अलावा बहुत से दलित व राजनीतिक नेताओं ने भी इस घटना की निंदा करते हुए अपराधियों पर एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला चलाने की मांग की है। निंदा करने वाले प्रमुख नेताओं में पूर्व मंत्री एकनाथ खड़से और गुजरात दलित नेता के जिग्नेश मेवाणी भी शामिल है। इस मामले में महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कार्रवाई का वादा किया है और भारतीय दंड संहिता व एससी/एसटी अधिनियम के तहत धाराएं लगाने की बात कही है।