पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता काजी खलीलुल्लाह ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस संगठन की आतंकवादी गतिविधियों का संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके कार्यकर्ताओं की गतिविधियों को लेकर हम बार-बार अपनी चिंताओं को व्यक्त कर चुके हैं।
इससे पूर्व पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने भी देश की नेशनल असेंबली सचिवालय में एक प्रस्ताव पेश कर शिवसेना को चरमपंथी संगठन घोषित करने की मांग की थी।
ये है प्रमुख वजह
दरअसल, लम्बे समय से शिवसेना का पाकिस्तान के प्रति बेहद सख्त रुख रहा है। हाल ही में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी के एक पुस्तक विमोचन को लेकर मुंबई में ओआरएफ के अध्यक्ष सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर स्याही फेंक दी थी।
इसके बाद शिवसेना के विरोध के चलते पाकिस्तान के दिग्गज कलाकार गुलाम अली का कंसर्ट भी रद्द किया गया था। शिवसेना की धमकी के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुंबई वन डे में वसीम अकरम और शोएब अख्तर कमेंट्री नहीं कर सके और उनको स्वदेश जाना पड़ा।
इसी तरह से बीसीसीआई से भारत-पाक क्रिकेट के सिलसिले में बातचीत करने पहुंचे पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान को भी शिव सैनिकों का तल्ख़ विरोध सहना पड़ा था। शिवसेना का कहना है कि जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद को बंद नहीं करता तब तक उसके साथ कोई संबंध नहीं रखने चाहिए।