क्राइम

नक्सलियों को सुनाई थी सजा-ए-मौत, अब जज के खिलाफ लगाए गए पोस्टर

अब इलाके में नक्सलियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि उन्होंने सजा सुनाने वाले न्यायाधीश को ही निशाने पर ले लिया।

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रांची। बीते 26 सितंबर को झारखंड के दुमका इलाके में पाकुड़ के एसपी अमरजीत बलिहार के साथ छह जवानों की हत्या करने वाले दो नक्सलियों को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन बावजूद इसके अब इलाके में नक्सलियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि उन्होंने सजा सुनाने वाले न्यायाधीश को ही निशाने पर ले लिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना सोमवार रात दुमका इलाके के शिकारीपाड़ा थानाक्षेत्र में पड़ने वाले बरमसिया मालपाड़ा की है। इलाके में माओवादियों ने मौत की सजा सुनाने वाले जज के खिलाफ करीब 10 पोस्टर लगा दिए और लोगों में दहशत फैला दी।
 

माओवादियों द्वारा लगाए गए जज के खिलाफ इन पोस्टरों के जरिये नक्सलियों की रिहाई की मांग की गई है। इतना ही नहीं पोस्टर में माओवादियों के खिलाफ जन अदालत लगाने की बात भी कही गई है। इलाके में पोस्टर लगे होने की सूचना मिलते ही पुलिस मालपाड़ा पहुंची और इन पोस्टरों को जब्त कर लिया।
हैरानी की बात है कि रस्सी के सहारे लटकाए गए इन पोस्टरों में फांसी की सजा पा चुके प्रवीर दा व सनातन बास्की की सजा को वापस करने के साथ ही इन्हें रिहा करने की मांग की गई है। साथ ही यह भी धमकी दी गई है कि अगर इन दोनों को फांसी की सजा दी गई तो सड़कों पर खून बहेगा।
इस मामले की गंभीरता देखते हुए जिले के पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल ने अदालत परिसर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। कौशल ने अदालत परिसर के मुख्य द्वार के साथ ही चार स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने के भी निर्देश दिए।

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