मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घटना तीन दिन पहले की है। मंगलवार शाम करीब साढ़े पांच बजे टाटानगर-चक्रधरपुर पैसेंजर ट्रेन चक्रधरपुर स्टेशन पहुंची। यहां पर ट्रेन से एक बेहोशी की हालत में एक युवती को जीआरपी के जवान लेकर उतरे। जवानों ने युवती को चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया। होश आने पर युवती से घटना के बारे में पूछताछ की गई लेकिन वो गहरे सदमे भी थी और कुछ भी बोल नहीं पा रही थी।
जब काफी कोशिश की गई तो उसने ईशारों से एक कागज-कलम मांगा। इसके बाद उसने कागज पर लिखकर दुष्कर्म की जानकारी दी। उसने लिखा, “मेरे पापा आरपीएफ में हैं। दिमागी स्थिति ठीक नहीं है। मेरे साथ ट्रेन में एक लड़के ने रेप किया। वो बदमाश था।”
इस मामले में चक्रधरपुर जीआरपी पुलिस ने घटना के 36 घंटे बाद मामला दर्ज किया। वहीं, पीड़िता के मेडिकल परीक्षण के लिए डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई। हालांकि घटना के 45 घंटे बाद डॉक्टरों का मेडिकल करने से इस रिपोर्ट की ही विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं, युवती की हालत में कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा।
वहीं, इस मामले में चक्रधरपुर रेलवे के डीआरएम ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि मुसाफिरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी नहीं बल्कि सुरक्षा एजेंसियों की है।