Juvenile justice act 2014
नई दिल्ली। सोलह से अठारह वर्ष के अपराधियों को भी गंभीरतम अपराधों में वयस्कों के समान सजा मिल सकने वाले जुवेलाइन जस्टिस (केयर एंड प्रोटक्शन ऑफ चिल्ड्रेन) बिल को काफी हंगामे के बाद लोकसभा ने पारित तो कर दिया है पर अब महिला और बाल विकास मंत्रालय ने इस अधिनियम से गोद लिए जाने के नियमोंको हटा कर नया प्रावधान लाने का फैसला किया है। मंत्रालय ने इसे अलग से अधिसूचित करने का भी निश्चय किया है। राज्य सभा में अभी इस बिल को पारित होना बाकी है।
सूत्रों के अनुसार मंत्रालय का इरादा सेन्ट्रल एडॉप्शन रिसर्च अथॉरिटी को और पारदर्शी बनाना है। मंत्रालय ने कहा है कि देश में बहुप्रतीक्षित दत्तक कानून सुधार लाए जाएं। महिला और बाल विकास मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि अगर सरकार मानसून सत्र में भूमि विधेयक और जीएसटी पर आगे बढ़ती है तो वैसे भी इस विधेयक को प्राथमिकता पर लाना मुश्किल भरा काम होगा। भाजपा के भीतर ही इस विधेयक के प्रावधानों पर सवाल उठते रहे हैं। वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने कहा कि हमेशा किशोर अपराधियों के साथ अलग तरह का व्यवहार होता आया है। हमें इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए।