करोल बाग होटल अग्निकांडः गहरी नींद में सो रहे लोगों की जब आंख खुली तो हर तरफ थी मौत अर्पित पैलेस होटल के कर्मचारियों की मानें तो इसमें 65 कमरे हैं। मंगलवार सुबह इनमें 120 लोग रुके हुए थे। जबकि होटल के 30 कर्मचारी भी मौजूद थे। मारे गए लोगों में ज्यादातर पीड़ित बाहर से आए लोग और पर्यटक थे। इनमें म्यांमार और कोच्चि से आए पर्यटक भी थे।
इस अग्निकांड का वीडियो भी सामने आ गया है जबकि कई चश्मदीदों ने भी इस घटना की भयावहता का आंखों देखा हाल बताया। 1. होटल से कूदने की वजह से भी गई जान
एक चश्मदीद ने बताया कि वह अर्पित पैलेस के बगल वाले होटल में ठहरे हुए थे। सुबह करीब 4 बजे शोर सुनकर उन्होंने बाहर निकलकर देखा तो लोग बचाओ-बचाओ चिल्लाते नजर आए। तभी होटल की ऊपरी मंजिल से एक विदेशी महिला तार पर लटककर नीचे आने की कोशिश करती नजर आई। हालांकि वो सफल नहीं हुई और सीधे नीचे आकर सड़क पर गिर पड़ी। बचावकर्मी उसे अस्पताल ले गए।
बताया जा रहा है अर्पित पैलेस होटल में जिस वक्त आग लगी थी, उस दौरान करीब पांच लोगों ने अपनी जान बचाने के चक्कर में इमारत से नीचे छलांग लगा दी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इनमें से दो व्यक्ति तकिया लेकर कूदे थे। हालांकि तकिया लेकर छलांग लगाने वाले इन दोनों व्यक्तियों की जान चली गई।
2. फायर ब्रिगेड में भी आई खराबी रिपोर्ट्स में चश्मदीदों के हवाले से बताया गया है कि होटल में आग बुझाने के लिए पहुंचे दमकल विभाग का बड़ा वाहन ब्रुंटो स्काईलिफ्ट कुछ देर के लिए काम नहीं कर पाया, जिससे बचावकार्य में देरी हुई। चश्मदीदों के मुताबिक इस गाड़ी की सीढ़ी अटकने के चलते यह ऊपर नहीं जा सकी। शायद इसका कोई पेच अटकने से इसकी सीढ़ी खुलकर ऊपर की ओर नहीं जा पा रही थी।
करोल बाग अग्निकांडः अर्पित होटल के कमरों में डक्टिंग की वजह से फैली आग, सरकार ने दिए जांच के आदेश 3. एंबुलेंस पहुंचने में हुई देरी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक होटल में आग लगने के बाद अफरातफरी मच गई और चीख-पुकार सुनाई देने लगी। अग्निशमन विभाग के कुछ वाहन मौके पर पहुंचे और आग की भयावहता देख और गाड़ियां बुलाई गईं। हालांकि एंबुलेंस आने में देरी हुई। कहा जा रहा रहा है कि जब तक एंबुलेंस पहुंची आग तकरीबन बुझ चुकी थी। यानी अगर समय रहते एंबुलेंस पहुंच जाती तो शायद कुछ लोगों की बचाया जा सकता था।
4. धुएं में दम घुटने से गईं ज्यादातर जानें जिस वक्त मंगलवार तड़के होटल में आग लगी उस वक्त कमरों में लोग सोए हुए थे। होटल में आग लगने से अंदर धुआं भर गया और दम घुटने से लोगों की मौत हो गई। वहीं, कमरों से निकलकर जान बचाने के चक्कर में भी लोग इधर-उधर फंस गए और सांस न ले पाने के चलते जान गवां बैठे।
5. खिड़कियां न खुलने से भर गया धुआं चूंकि यह होटल एयर कंडीशंड है और कमरों में लगी खिड़कियां ऐसी हैं कि जिनका एक ही हिस्सा खुल सकता है, इसलिए धुएं को निकलने की जगह नहीं मिली। आग लगने से उठा धुआं कमरों की खिड़कियां पूरी खुलने से काफी हद तक बाहर जा सकता था और क्रॉस वेंटिलेशन होने से फ्रेश हवा भी अंदर आ जाती, लेकिन पूरी खिड़कियां न खुल पाने के चलते धुआं अंदर ही भरा रह गया। दमकल कर्मियों ने धुआं बाहर निकालने के लिए कई खिड़कियां तोड़ीं।