क्या है मामला? मलंकारा ऑर्थोडॉक्स चर्च में नियमित रूप से जाने वाली एक महिला ने पांच पादरियों पर लगभग एक दशक से उसके यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। पीड़िता के पति ने शिकायत दर्ज कराई कि पांच पादरियों ने उसकी पत्नी का यौन शोषण किया। आरोप है कि शुरुआत में इन पादरियों में सिर्फ एक पादरी महिला का उत्पीड़न कर रहा था, लेकिन जब पीड़िता ने अन्य पादरी से मदद मांगी तो उस पादरी ने भी महिला को धमकी दी और अन्य पादरियों के साथ मिलकर महिला का यौन उत्पीड़न किया। इस तरह महिला पांचों पादरियों के चंगुल में फंस गई। पीड़िता ने सिर्फ चार ही नामों का उल्लेख किया है, इसलिए एक पादरी कार्रवाई से बचा हुआ है। राष्ट्रीय महिला आयोग मामले पर नजर बनाए हुए है।
बच गया एक पादरी एक पादरी कार्रवाई से बच गया क्योंकि पीड़ित ने सिर्फ चार नामों का उल्लेख किया। अदालत ने बीते हफ्ते भी आरोपियों को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था। आरोपियों की मांग थी कि जब तक अदालत में जमानत याचिका दाखिल नहीं हो जाती, तबतक उनकी गिरफ्तारी को रोका जाना चाहिए। कोयट्टम मुख्यालय स्थित चर्च इन आरोपों के सामने आने के बाद सकते में है और कहा जा रहा है कि अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पिनाराई विजयन सरकार पर दबाव डाल रहा है। हालांकि, अदालत के कड़ा रुख अपनाने के बाद चर्च अधिकारियों ने इन पादरियों से कहा कि उनके पास कानून का सम्मान करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।