राष्ट्रगान के सम्मान में खड़ा न होने को लेकर छह लोगों को पुलिस ने सोमवार को हिरासत में लिया, जिनमें एक महिला भी शामिल है
तिरुवनंतपुरम। केरल में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (आईएफएफके) के दौरान एक फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले राष्ट्रगान के सम्मान में खड़ा न होने को लेकर छह लोगों को पुलिस ने सोमवार को हिरासत में लिया, जिनमें एक महिला भी शामिल है।
आईएफएफके के आयोजकों ने यह स्पष्ट किया है कि आईएफएफके के 21वें संस्करण के दौरान उनके द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। फिल्म फेस्टिवल यहां शुक्रवार रात शुरू हुआ और सभी प्रतिनिधि को खड़े हुए।
यहां निशानगांधी प्रेक्षागृह में पांच लड़कों तथा एक महिला को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस द्वारा कई बार कहने के बावजूद उन्होंने राष्ट्रगान बजने के दौरान खड़ा होने से इनकार कर दिया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की युवा शाखा के कार्यकर्ताओं ने राज्य के पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा से शिकायत की थी कि फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले राष्ट्रगान बजने के दौरान कुछ लोग खड़े नहीं हो रहे हैं। इस शिकायत के कुछ घंटे बाद सभी छह लोगों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में लिया गया।
सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान का अपमान करने पर फिल्म समीक्षक की पिटाई
चेन्नई। सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान को लेकर शनिवार को चेन्नई में तनाव फैल गया। खबर है कि करीब 20 लोगों के समूह ने एक युवक व दो छात्राओं के साथ राष्ट्रगान का अपमान करने को लेकर मारपीट कर दी। आरोप है कि ये लोग फिल्म से पहले शुरू हुए राष्ट्रगान के दौरान सेल्फी ले रहे थे। बताया गया कि फिल्म चेन्नई-28-।। की स्क्रीनिंग से पहले राष्ट्रगान में ये तीन लोग खड़े नहीं हुए थे। अशोक नगर स्थित काशी थिअटर में सुबह साढ़े ग्यारह बजे वाले शो में जैसे ही फिल्म के बीच इंटरवल हुआ, हॉल में ही हाथापाई शुरू हो गई।
खड़े नहीं हुए थे तीनों
बताया गया कि फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले राष्ट्रगान में ये तीन लोग खड़े नहीं हुए थे। अशोक नगर स्थित काशी थिअटर में सुबह साढ़े ग्यारह बजे वाले शो में जैसे ही फिल्म के बीच इंटरवल हुआ, हॉल में ही हाथापाई शुरू हो गई। पहले समूह के साथ उक्त लोगों की तीखी बहस भी हुई। कुछ चश्मदीदों ने बताया कि राष्ट्रगान के दौरान करीब 9 लोग अपनी सीट पर बैठे रहे।
इंटरवल में हुई हाथापाई
इंटरवल के दौरान विजय कुमार ने फ्रीलांस फिल्म समीक्षक विजी को खींच लिया और पूछा कि वह राष्ट्रगान के दौरान क्यों नहीं खड़े हुए थे। बहस बढ़ी तो करीब 20 लोगों ने दो छात्राओं समेत विजी पर धावा बोल दिया। लॉ की छात्रा श्रीला ने बताया कि हमारा उत्पीडन किया गया, जबकि हमारा इरादा किसी भी तरह के अपमान का नहीं था। उन लोगों ने हमें जान से मारने की धमकी भी दी। सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे विजय कुमार ने कहा कि जब राष्ट्रगान बज रहा था तो वे सेल्फी ले रहे थे, जिसका हममें से कई लोगों ने समर्थन नहीं किया।