राजस्थान के बाड़मेर से शुरू हुए चोटी कटाने की घटना धीरे-धीरे पूरे उत्तर भारत में पहुंच गई है। कई लोग इसे अराजगतत्वों की करतूत मान रहे तो कई लोग इसके पीछे भूत प्रेतों का हाथ मान रहे हैं।
नई दिल्ली। राजस्थान के बाड़मेर से शुरू हुए चोटी कटाने की घटना धीरे-धीरे पूरे उत्तर भारत में पहुंच गई है। कई लोग इसे अराजगतत्वों की करतूत मान रहे तो कई लोग इसके पीछे भूत प्रेतों का हाथ मान रहे हैं। जहां-जहां चोटी काटने की वारदातें हुई हैं, वहां-वहां लोग दहशत के साए में जी रहे हैं। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है।
दिल्ली-एनसीआर में भी दस्तक
दिल्ली के कगनहेरी गांव में विमलेश और मनोज नाम के शख्स की मां की चोटी काटने की घटना सामने आई है। पीड़ित के बेटे विमलेश ने बताया कि रविवार सुबह 10 बजे के करीब उनकी मां के सिर में बहुत तेज दर्ज हुआ। दर्द की वजह से वे लेट गईं, लेकिन जब वो सो कर उठीं तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने देखा कि उनकी चोटी जमीन पर पड़ी थी। ठीक इसी तरह की घटना मनोज की मां के साथ भी घटी।
हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी कई वारदातें
पिछले दो दिनों में हरियाणा के गुरुग्राम जिले में 8 लोगों की चोटी काटे जाने की घटनाएं सामने आई हैं। घटना के बाद कुछ महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई है। वहीं उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में भी इस तरह की पांच घटनाएं सामने आई हैं। राजस्थान के कई इलाकों में भी ऐसी घटनाएं घट चुकीं हैं।
चोटी काटने की अफवाह पर महिला की पीट पीट कर हत्या
दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा और आगरा सहित कई जनपदों में रात को महिलाओं के बाल काटने की घटनाएं हो रही हैं। कुछ लोग इसे प्रेत का साया मान रहे हैं और चुड़ैल मान रहे हैं। बुधवार को आगरा के डौकी के गांव मगठई में विधवा महिला की ग्रामीणों ने चुड़ैल समझकर पीट पीट कर निर्मम हत्या कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महिला चिल्लाकर अपना नाम और पहचान बताती रही लेकिन वहां मौजूद लोगों में से किसी ने विधवा महिला की नहीं सुनी। काफी देर के बाद कुछ लोगों ने महिला को पहचान लिया। तब तक महिला बुरी तरह घायल हो चुकी थी। इसके बाद गांव के लोग महिला को उसके घर छोड़ गए। यहां गुस्साए परिजनों से काफी बहस हुई, लेकिन मान देवी की हालत ठीक नहीं थी। आनन फानन में परिवार के लोग उसे आगरा के एक अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां प्रारम्भिक इलाज के बाद महिला को घर भेजा गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
ग्रामीण मान रहे जादू-टोन
जिन इलाकों में चोटी काटने की घटनाएं घटी हैं वो ज्यादातर ग्रामीण इलाके हैं। ग्रामीणों का मानना है कि तांत्रिक या कोई शख्स जादू-टोने के लिए ऐसा कर रहा है। पंडितों के कहने पर लोग तरह-तरह के टोटके भी कर रहे हैं। कुछ लोग बाल में पन्नी बांध रहे तो कुछ घर के दरवाजों पर मेंहदी लगा रहे हैं।
क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक?
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में ये वारदातें हुई हैं ऐसे में इसे किसी खास मनोवैज्ञानिक बीमारी से नहीं जोड़ा जा सकता है। हो सकता है अराजगतत्व ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हों।