काफी समय से पाकिस्तान इस हथकंडे को आजमा रहा है
हुस्न के जाल में फंसकर जिस तरह से वायुसेना के एक अधिकारी ने पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी को अपने देश की सुरक्षा से संबंधित निजी जानकारियां मुहैया करा दी हैं, वो बेहद ही हैरान कर देने वाली हैं। साथ ही ये मामला काफी चिंताजनक भी है। ये तो हर कोई जानता है कि दुश्मन देश हमेशा से ही एक-दूसरे का राज जानने के लिए कई तरह के शातिर हथकंडे आजमाते हैं, लेकिन पाकिस्तान पिछले कुछ समय से हनी ट्रैप का हथकंडा आजमाता आ रहा है। जमीनी लड़ाई पर भारत के हाथों मात खाने के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI अब भारत के अधिकारियों और जवानों को ‘हसीन’ जाल में फंसाकर गोपनीय जानकारी जुटा रही है।
हुस्न के जाल में फंसकर जिस तरह से वायुसेना के एक अधिकारी ने पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी को अपने देश की सुरक्षा से संबंधित निजी जानकारियां मुहैया करा दी हैं, वो बेहद ही हैरान कर देने वाली हैं। साथ ही ये मामला काफी चिंताजनक भी है। ये तो हर कोई जानता है कि दुश्मन देश हमेशा से ही एक-दूसरे का राज जानने के लिए कई तरह के शातिर हथकंडे आजमाते हैं, लेकिन पाकिस्तान पिछले कुछ समय से हनी ट्रैप का हथकंडा आजमाता आ रहा है। जमीनी लड़ाई पर भारत के हाथों मात खाने के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI अब भारत के अधिकारियों और जवानों को ‘हसीन’ जाल में फंसाकर गोपनीय जानकारी जुटा रही है।
क्या है होता है ‘हनीट्रैप’
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के द्वारा भारतीय जवानों और अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाकर निजी जानकारियां निकलवाना कोई पहली बार नहीं है। समय-समय पर पाकिस्तान ऐसी हरकतें करता आया है। अमरीका, चीन, रूस या फिर जापान कई देशों में हनीट्रैप के मामले सामने आते रहे हैं। इस जाल में अधिकारियों और जवानों को लड़की को लोभ दिखाकर फंसाया जाता है। ज्यादातर मामलों में ‘हनी ट्रैप’ से जुड़ी महिला पहले उस शख्स से दोस्ती करती है फिर दोस्ती की आड़ में उसके साथ सैक्स चैट, सैक्स या फिर और कई तरह के संबंध बनाती है। इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल तक करती हैं। सेना से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ भी ऐसा ही होता है। हनीट्रैप के लिए देश की खुफिया एजेंसिया बकायदा महिला जासूसों को ये जिम्मेदारियां देती हैं। बदले में उन्हें एक बड़ी रकम दी जाती है।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के द्वारा भारतीय जवानों और अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाकर निजी जानकारियां निकलवाना कोई पहली बार नहीं है। समय-समय पर पाकिस्तान ऐसी हरकतें करता आया है। अमरीका, चीन, रूस या फिर जापान कई देशों में हनीट्रैप के मामले सामने आते रहे हैं। इस जाल में अधिकारियों और जवानों को लड़की को लोभ दिखाकर फंसाया जाता है। ज्यादातर मामलों में ‘हनी ट्रैप’ से जुड़ी महिला पहले उस शख्स से दोस्ती करती है फिर दोस्ती की आड़ में उसके साथ सैक्स चैट, सैक्स या फिर और कई तरह के संबंध बनाती है। इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल तक करती हैं। सेना से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ भी ऐसा ही होता है। हनीट्रैप के लिए देश की खुफिया एजेंसिया बकायदा महिला जासूसों को ये जिम्मेदारियां देती हैं। बदले में उन्हें एक बड़ी रकम दी जाती है।
कैसे जवान और अधिकारी फंस जाते हैं हनीट्रैप में
ये समझने के बाद कि हनीट्रैप होता क्या है अब ये जानना जरूरी है कि आखिर कोई क्यों हुस्न के जाल में फंसकर देश की सुरक्षा से संबंधित निजी जानकारियां दुश्मन देश को मुहैया करा देता है। आर्म, एयरफोर्स या फिर नेवी तीनों में अधिकारी और जवान अपने घर-परिवार से दूर रहते हैं। ऐसे में उनके अकेलेपन का फायदा उठाकर दुश्मन देशों की महिला जासूस उन्हें अपने हुस्न के जाल में फंसा लेती हैं और उसके बाद गोपनीय जानकारियां निकलवा लेती हैं। अरुण मारवाह के केस में भी यही हुआ है। पाकिस्तान से महिला जासूसों ने पहले तो उनसे सैक्स चैट की और बदले में गोपनीय दस्तावेजों की मांग की।
ये समझने के बाद कि हनीट्रैप होता क्या है अब ये जानना जरूरी है कि आखिर कोई क्यों हुस्न के जाल में फंसकर देश की सुरक्षा से संबंधित निजी जानकारियां दुश्मन देश को मुहैया करा देता है। आर्म, एयरफोर्स या फिर नेवी तीनों में अधिकारी और जवान अपने घर-परिवार से दूर रहते हैं। ऐसे में उनके अकेलेपन का फायदा उठाकर दुश्मन देशों की महिला जासूस उन्हें अपने हुस्न के जाल में फंसा लेती हैं और उसके बाद गोपनीय जानकारियां निकलवा लेती हैं। अरुण मारवाह के केस में भी यही हुआ है। पाकिस्तान से महिला जासूसों ने पहले तो उनसे सैक्स चैट की और बदले में गोपनीय दस्तावेजों की मांग की।
अभी तक सामने आए हनीट्रैप के कुछ मामले – इंडियन आर्मी में बतौर सूबेदार काम कर चुके 40 साल के पाटन कुमार पोद्दार भी हनीट्रैप में फंस चुके हैं। फेसबुक पर अनुष्का अग्रवाल नाम की लड़की से उनकी बातचीत होती थी। इसी दौरान उन्होंने अपनी निजी जानकारियां लड़की को साझा कर दी थीं। उनकी पोस्टिंग आंध्रप्रदेश के सिंकदराबाद छावनी की 151 एमसी/एमएफ डिटैचमेंट में थी। उस पाकिस्तानी जासूस ने अपना संबंध उत्तर प्रदेश के झांसी से बताया था। उसने यह भी बताया कि उसके पिता इंडियन एयर फोर्स के रिटायर्ड कमांडर हैं और फिलहाल झांसी में संयुक्त राष्ट्र की एक एनजीओ चलाते हैं, जिसमें वह भी अपने पिता का सहयोग करती है। जानकारियां जुटाने के बदले 10 हज़ार रुपये देने का वादा भी किया।
– इसके अलावा पठानकोट हमले में भी हनीट्रैप की बात सामने आई थी। एयरफोर्स स्टेशन में तैनात एयरमेन सुनील कुमार को एक महिला को गोपनीय जानकारियां ई-मेल करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। सुनील कुमार पैसों के एवज में मीना रैना नाम के एक अकाउंट पर जानकारियां भेज रहा था। पठानकोट एयरबेस की साइबर टीम सुनील कुमार पर लगातार नज़र रखे हुए थी।
– आसिफ सोलह बार पाकिस्तान जाकर आईएसआई से ट्रेनिंग ले चुका था। बारहवीं पास आसिफ बेहद शातिर और कम्प्यूटर का मास्टर है। सेना के कई जवानों का ब्यौरा और उनके मूवमेंट की जानकारियां आसिफ से मिली थीं। आसिफ अपनी शादी से काफी पहले से आईएसआई के लिए काम कर रहा था। उसके एक बेटा और एक बेटी भी है।