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वैभव राउत की गिरफ्तारी पर बड़ा खुलासा, गौरी लंकेश की हत्या के बाद से ही ATS रख रही थी नजर

Published: Aug 10, 2018 06:13:21 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

खुलासा हुआ है कि पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड के बाद से ही जांच एजेंसियां वैभव राउत पर नजर बनाए हुई थी।

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वैभव राउत की गिरफ्तारी पर बड़ा खुलासा, गौरी लंकेश की हत्या के बाद से ATS रख रही थी नजर

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की (आतंकवाद-निरोधक दस्ता) एटीएस ने शुक्रवार की सुबह हिंदू कार्यकर्ता वैभव राउत को विस्फोटक सामग्री के साथ गिरफ्तार किया। वैभव की पहचान पहले दक्षिणपंथी समूह सनातन संस्था के कार्यकर्ता के रूप में हो रही थी लेकिन अब न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक वो हिंदू जनजागरण समिति (एचजेएस) के संबंध रखता है। इसी बीच एक मीडिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड के बाद से ही जांच एजेंसियां वैभव राउत पर नजर बनाए हुई थी।

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महीनों ने एटीएस की रडार पर था वैभव

रिपोर्ट के मुताबिक कन्नड़ पत्रिका की संपादक गौरी लंकेश हत्याकांड मामले में एटीएस ने मास्टरमाइंड आमोल काले को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में काले में अपने साथियों और संगठन से जुड़े दस लोगों की जानकारी एसटीएस को दी। इस सूची में वैभव राउत का नाम भी शामिल था। एटीएस पिछले काफी समय से उसकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थी। जिसके बाद हुई गिरफ्तारी हुई। एटीएस ने नाला सोपारा के भंडाराली इलाके में स्थित उसके घर और दुकान पर छापे के दौरान कुछ देशी बम के अलावा बम बनाने वाली सामग्री बरामद की है, जिसमें डेटोनेटर्स, विस्फोटक पाउडर आदि शामिल हैं।

हिंदू संगठन ने बताया ‘मालेगांव 2’

हिंदू जनजागरण समिति ने राउत को सच्चा हिंदू बताते हुए उसकी गिरफ्तारी को ‘मालेगांव 2’ बताया और कहा कि वह हिंदू गोवंश रक्षा समिति का सक्रिय गौ-रक्षक (गाय रक्षक) है। समिति के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के संयोजक सुनील घनवत ने कहा कि वह एचजेएस के तत्वाधान में हिंदू संगठनों को एकजुट करने के लिए विरोध प्रदर्शनों और कार्यक्रमों में भाग लेते थे। समिति के प्रमुख ने कहा कि हालांकि, पिछले कुछ महीनों से उसने किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया था। घनवत ने कहा कि हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को बेवजह प्रताड़ित करना और झूठे मामलों में उन्हें फंसाना कोई नई बात नहीं है। मालेगांव (2008 विस्फोट) मामले से और सनातन संस्था के कई निर्दोष कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से यह कई बार साबित हो चुका है।

पिछले साल हुई थी गौरी लंकेश की हत्या

बता दें कि पिछले साल पांच सितंबर को ‘लंकेश पत्रिका’ की संपादक गौरी लंकेश (55) की शहर के उपनगरीय इलाके में स्थित उनके आवास पर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार, अज्ञात हमलावरों ने कुल सात गोलियां मारी जिनमें तीन (दो छाती और एक माथे पर) गौरी को लगीं थीं।

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