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सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी को महाराष्ट्र सरकार ने बताया जायज

locationनई दिल्लीPublished: Sep 05, 2018 03:16:43 pm

महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में हाल ही में की गई पांच वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी पर अब सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार ने हलफनामा दायर कर दिया है।

Bhima Koregaon violence

Bhima Koregaon violence

मुंबई। महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में हाल ही में की गई पांच वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी पर अब सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार ने हलफनामा दायर कर दिया है। पुलिस ने इस हलफनामें सभी पांच विचारकों की गिरफ्तारी और इस कार्रवाई को जायज ठहराया है।
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सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए हलफनामे में महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि सभी पांच वामपंथी विचारकों की योजना समाज में अराजकता पैदा करने की थी। ये सभी हिंसा को सामने लाने के लिए की गई भयानक डिजाइन का हिस्सा हैं। महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि इन वामपंथी विचारों की गिरफ्तारी असंतोष या विचार के अंतर के आधार पर नहीं की गई थी। महाराष्ट्र पुलिस की ओर से बताया गया है कि इन सभी 5 विचारकों को विश्वसनीय सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया गया था।
महाराष्ट्र पुलिस अभी भी सभी विचारकों को हिरासत में लेने की मांग कर रही है। अब सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई होगी।

Supreme Court
महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि नजरबंदी से आरोपी भले ही कहीं जा नहीं पा रहे हैं, लेकिन फिर भी वह सबूतों को मिटा सकते हैं। वहीं, दूसरे आरोपियों को भी अलर्ट होने का पूरा मौका मिल सकता है। अगर पुलिस को उनकी हिरासत मिल जाती है, तो वह अन्य आरोपियों के बारे में भी पता लगा सकती है।
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आपको बता दें कि माओवादियों से कथित रिश्तों और गैर-कानूनी गतिविधियों के आरोप में पुणे पुलिस ने जिन पांच माओवादी शुभचिंतकों को गिरफ्तार किया था, वे लंबे वक्त से माओवादी संगठनों के लिए बतौर एक्टिविस्ट काम करते रहे हैं। पुलिस ने सुधा भरद्वाज, वरवरा राव, अरुण परेरा, गौतम नवलखा और वरुण गोन्सालविस को गिरफ्तार किया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उक्त सभी पांच विचारकों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए 6 सितंबर तक उन्हें घर पर ही नजरबंद रखा गया है।
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