बिजली का मीटर बदलने के बाद महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी ने गलत रीडिंग नोट कर ली थी और नई रीडिंग के हिसाब से बिल भेज दिया.
आत्महत्या का मामला
औरंगाबाद। महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में एक सब्जी बेचने वाले ने केवल इसलिए खुदकुशी कर ली क्योंकि उसका बिजली का बिल बहुत ज्यादा आ गया था। मामला महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी से जुड़ा हुआ है। कंपनी ने भागिनाथ शेलके नामक व्यक्ति के पास 8.64 लाख रुपये का भारी-भरकम बिजली बिल भेज दिया था। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने इस बाबत मुकदमा दर्ज कर लिया। जबकि परिजनों ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न होने तक अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था।
जानकारी के मुताबिक औरंगाबाद स्थित भारत नगर गांव निवासी भागिनाथ शेलके के घर पर इस साल ही जनवरी में बिजली का नया मीटर लगाया गया था। मीटर बदले जाने के दौरान इसकी रीडिंग 6117 यूनिट थी. हालांकि मीटर रीडिंग लिखते वक्त बिजली कर्मचारी ने इसे गलती से 61178 यूनिट लिख दिया। यानी कागजों में, वास्तविक रीडिंग को 9 गुना ज्यादा बढ़ाकर लिख दिया गया।
हेरोइन के साथ गिरफ्तार हुआ यह खिलाड़ी, कई खिताब कर चुका है अपने नाम शेलके ने इसकी शिकायत कई बार महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय में पहुंचकर की। बार-बार शिकायतों के बावजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। लाखों रुपये का बिजली का बिल देख-देखकर सब्जी बेचने वाले भागिनाथ की मानसिक परेशानी बढ़ने लगी। बीते फरवरी से ही वो बिजली कंपनी में दर-दर की ठोकरें खा रहा था, ताकि उसका सही बिल हो जाए और वो भुगतान करे, लेकिन कोई अधिकारी उसकी बात ही नहीं सुन रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी भागिनाथ से पूरा 8.64 लाख रुपये बिल चुकाने के लिए कह रहे थे।
बार-बार चक्कर लगाकर भागिनाथ परेशान हो चुका था। बृहस्पतिवार तड़के करीब 5 बजे भागिनाथ ने खुदकुशी कर ली। भारत नगर इलाके में टीन की झुग्गी में रहने वाले भागिनाथ के घर के भीतर उस वक्त कोई नहीं था। पत्नी गांव से बाहर थी और बेटा आंगन में सो रहा था। भागिनाथ से सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी को जिम्मेदार बताया है।
रोज के झगड़ों से तंग आई पत्नी, तीन दोस्तों से करवाए पति के 3 टुकड़े घटना की जानकारी बाद पहले तो बिजली विभाग के अधिकारी इस बाबत जवाब देने से बचते रहे। लेकिन जब सुसाइड नोट सामने आ गया तो महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों ने जांच की। वहीं, पुलिस ने पुंडलिक नगर थाने में इस संबंध में मामला भी दर्ज कर लिया है। भागिनाथ के परिजनों का कहना है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न होने तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इसके बाद कंपनी ने अपनी गलती मानते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की और इस संबंध में कार्रवाई करते हुए एक असिस्टेंट अकाउंटेंट को भी निलंबित कर दिया।