दरअसल गया जिले के विनोबानगर रमना गांव में एक महिला के पति की मौत हो गई। इस पर महिला के मायके वालों ने पंचायत बुलाई। पंचायत में मायके वालों के दबाव में फैसला लिया गया कि महिला की शादी उसके नाबालिग देवर से करवाई जाए। पंचायत ने फैसला सुनाते वक्त ये भी नहीं सोचा कि वो लड़का अभी नाबालिग था।
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पंचायत के फैसले के बाद लड़के को जबदरस्ती राजी करवाया गया और कुछ दिन बाद उसकी शादी उसकी भाभी से करवा दी गई। उसी दिन से लड़का टेंशन में रहने लगा। उसे अंदर ही अंदर वो बात खाए जा रही थी। फिर एक दिन उनसे खौफनाक कदम उठा लिया।
पंचायत के फैसले के बाद लड़के को जबदरस्ती राजी करवाया गया और कुछ दिन बाद उसकी शादी उसकी भाभी से करवा दी गई। उसी दिन से लड़का टेंशन में रहने लगा। उसे अंदर ही अंदर वो बात खाए जा रही थी। फिर एक दिन उनसे खौफनाक कदम उठा लिया।
मौत को लगाया गले
जानकारी के मुताबिक शादी के बाद घर वाले भोज की व्यवस्था कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने लड़के को खोजना शुरू किया। काफी खोजबीन के बाद भी जब लड़का नहीं मिला तो उन्होंने उसके कमरे को खटखटाया। दरवाजा खोलने पर घर वालों के होश उड़ गए थे। उन्होंने देखा की लड़का पंखे से झुल रहा था।
जानकारी के मुताबिक शादी के बाद घर वाले भोज की व्यवस्था कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने लड़के को खोजना शुरू किया। काफी खोजबीन के बाद भी जब लड़का नहीं मिला तो उन्होंने उसके कमरे को खटखटाया। दरवाजा खोलने पर घर वालों के होश उड़ गए थे। उन्होंने देखा की लड़का पंखे से झुल रहा था।
वहीं घटना के बाद घर वालों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा कर जांच शुरू कर दी है। वहीं दूसरी ओर फैसला सुनाने वाले पंचायत के पंच फरार हैं। पुलिस लड़के के पिता से भी पूछताछ कर रही है। पड़ोस के लोगों ने पुलिस को बताया कि लड़का शादी के लिए बिल्कुल भी राजी नहीं था, उसको शादी के लिए टॉर्चर किया जा रहा था। जिससे परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली।