एसआईटी प्रमुख राजेश देव ने कहा, “नागरिकता संशोधन अधिनियम (citizen amendment act) के विरोध में भड़की हिंसा को लेकर अलग-अलग 10 मामले दर्ज किए गए थे। इन तमाम एफआईआर में 101 लोगों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। फुरकान की गिरफ्तारी 102वीं है। गिरफ्तार लोगों में भीम आर्मी का प्रमुख चंद्रशेखर भी है।” एसआईटी की पूछताछ में फुरकान ने हिंसक भीड़ में घटना वाले दिन ‘जामिया नगर इलाके में अपनी मौजूदगी कबूल की है।’
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फुरकान अली ने खुद कबूला गुनाह
एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया, “फुरकान अली ने खुद कबूला है कि उसके हाथ में दिखाई दे रही केन में ज्वलनशील पदार्थ था। इस बात के भी सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं कि क्या घटना वाले दिन माता मंदिर रोड पर जिन दो बसों में आग लगाई गई थी, उनमें भी फुरकान का हाथ था।”
परिजनों ने पुलिस की कार्रवाई को गलत ठहराया
एसआईटी के अधिकारियों का दावा है कि फुरकान को जामिया नगर मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने कहा कि फुरकान की पहचान काफी पहले हो चुकी थी। उसका ठिकाना भी मिल चुका था, बस उसे गिरफ्तार करने के लिए सही वक्त का इंतजार था। फुरकान के परिजनों ने उसकी गिरफ्तारी को गलत बताया है। उनके मुताबिक, “फुरकान का फसाद से कोई वास्ता नहीं था, एक अदद मामूली बहस के चलते उसे फंसवाया गया है।”
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गौरतलब है कि, दक्षिण पूर्व जिले के जामिया नगर इलाके में सीएए के विरोध में भड़की हिंसा के मामले में जामिया नगर और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थानों में मामले दर्ज किए गए थे। सभी मामलों की जांच दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने अपराध शाखा की एसआईटी के हवाले कर दी थी।