जबलपुर

करोड़पति चोरों की प्रॉपर्टी देख पुलिस का सिर चकराया, जीते थे रॉयल लाइफ- देखें वीडियो

यूपी का है अंतरराज्यीय गिरोहपांच को दबोचा, सरगना टिन्ना सहित छह अभी फरारपैसा जमीन और कारोबार में लगाया बैंक की तिजोरी काटकर 80 लाख उड़ाने वाली बदायूं गैंग गिरफ्तार

जबलपुरJul 05, 2019 / 12:26 pm

Lalit kostha

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जबलपुर. शहपुरा स्थित सहकारी बैंक में 19 फरवरी को हुई 80 लाख रुपए की चोरी का पुलिस ने गुरुवार को खुलासा किया। बदायूं के ककराला गांव के 11 लोगों ने वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने चोरी में शामिल इस अंतराराज्यीय गिरोह के पांच गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया। सरगना सहित छह गुर्गे अब भी फरार हैं। सभी चोरों ने करोड़ों के घर, जमीन आदि खरीद कर रईसों की जिंदगी जी रहे हैं।

पुलिस ने बताया कि गिरोह ने मध्य प्रदेश में आठ, छग, यूपी, तमिलनाडु, कनार्टक, आंध्रप्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र में बैंक, एटीएम, सराफा दुकानों में चोरी, लूट, डकैती, हत्या, हत्या के प्रयास सहित कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया। गिरोह के गुर्गें चोरी, लूट व डकैत की रकम को जमीन और खेती से जुड़े उद्योग में निवेश करते थे।

 

पुलिस ने आरोपियों की सम्पत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एसपी अमित सिंह ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने गिरोह को पूर्व में चिह्नित कर लिया था। बदायूं (उत्तर प्रदेश) के अलापुर थाने के सहयोग से ककराला गांव से यूसुफ अली को पकड़ा गया। पूछताछ के बाद एटा से उसके साथी हसरत अली, अफगन अली, इवरान अली और इसरत अली को दबोचा गया।


जमानत पर है टिन्ना
एएसपी रायसिंह नरवरिया, एएसपी क्राइम शिवेश सिंह बघेल ने बताया कि गिरोह का सरगना इसरार उर्फ असरार उर्फ टिन्ना अली है। जनवरी में बिहार से जमानत पर छूटने के बाद उसने शहपुरा स्थित सहकारी बैंक में चोरी की साजिश रची। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के अलावा फरार चल रहे नबाबुल, फहीम, गोरा, गुडडा उर्फ काले, फरसाद मुसलमान गिरोह के साथ नरसिंहपुर के गाडरवारा में गन्ना किसान के यहां गुड़ बनाने का काम करने के बहाने रुके थे। तिजोरी काटने में माहिर इसरार गिरोह के गुर्गों के साथ 19 फरवरी की रात ट्रक और चार पहिया वाहन से चोरी करने आए थे। इन वाहनों में ही गैस कटर, टंकी, छेनी, हथौड़ी, सब्बल और अन्य औजार रखे थे। ककराला निवासी इवराल उर्फ इमरान मुम्बई के नालासुपारा में रहकर फल बेचता है। अफगन, इसरत और हसरत ने 50 हजार रुपए देकर मुम्बई में फरारी काटी थी।

 

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रकम से ये किया
गिरोह ने गांव में करोड़ों की लागत से मकान बनवाया, कृषि भूमि खरीदी। फहीम, गोरा, आगाज भवन बनवाने और छत्तीसगढ़ में गुड़ बनाने के दो बड़े प्लांट संचालित कर रहे हैं। वे फलों के बगीचों और कृषि मंडी का ठेका भी लेते हैं।


आरोपियों पर दर्ज हैं कई प्रकरण
हसरत : हिस्ट्रीशीटर है और चोरी में भी माहिर है। दो साल पहले बिलासपुर में बैंक से छह लाख रुपए, 16 किलो सोना-चांदी चुराया।
टिन्ना सादिक : अन्य गुर्गों के साथ (2017 में) कुंडम, हलापुर (बदायूं), हर्रई (छिंदवाडा), चिचौली (बैतूल), बाडी (रायसेन), पनारी (नरसिंहपुर), बनखेड़ा (होशंगाबाद), बरघाट (सिवनी) में बैंक और एटीएम में चोरी।
फहीम : शाहजहांपुर भोपाल, कर्नाटक में लूट, डकैती, हत्या और हत्या के प्रयास के चार मामले।
यूसुफ : तमिलनाडु में सराफा दुकान से 43 किलो सोना, अलापुर और कर्नाटक में मारपीट, हत्या, हत्या के प्रयास का केस।
नबाबुल उर्फ पंडा : चोरी, डकैती और मारपीट के केस।

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