85 छात्र-छात्राओं के साथ शोषण जानकारी के मुताबिक, दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर बनी जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के निर्देश पर निगम ने जुलाई में 80 काउंसलर नियुक्त किए थे, जो विद्यार्थियों की काउंसलिंग कर रहे हैं। इसके नोडल अधिकारी डॉक्टर अजय लेखी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्वी जिला द्वारा स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मिशन पिंक हेल्थ के तहत विद्यार्थियों को 15-15 मिनट वाली कोमल और प्रिया नाम की एनिमेशन फिल्में दिखाई जा रही हैं। जो भी छात्र फिल्म देखने के दौरान घबरा रहे हैं, उन्हें अकेले में ले जाकर पूछताछ की जा रही। जिसके बाद इस तरह के इतने मामले सामने आए हैं।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा अब तक निगम के 50 स्कूलों में यह फिल्में दिखाई गई हैं। छह महीने में 85 मामले सामने आए हैं। जिन बच्चों को शोषण किया गया है, उनमें छह से 12 साल के शामिल हैं। सभी मामलों में पहचान वालों ने इन बच्चों के साथ यौन शोषण किया है, यह सभी मामले बच्चों के साथ घर पर हुए हैं। इनमें दो मामले ऐसे हैं, जिन्हें सुनकर किसी का भी दिल दहल जाए। निगम विद्यालय में पढ़ रहीं यौन शोषण की शिकार दो बच्चियों को जस्टिस कमेटी ने बालिका आश्रम गृह भेजना ही उचित समझा। इन बच्चियों की काउंसलिंग कर रहे काउंसलरों का कहना है कि इस तरह की कमेटी अगर दिल्ली सरकार, निगम, और निजी स्कूलों में बनती है तो न जाने यौन शोषण के कितने मामले सामने आ जाएंगे। फिलहाल, पूरे मामले की छानबीन की जा रही है।