scriptSC की सख्ती के बाद भी गुजरात में मॉब लिंचिंग, चोरी के शक में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला | Mob lynching in Gujarat Two Tribal man lynched suspicion of thief | Patrika News

SC की सख्ती के बाद भी गुजरात में मॉब लिंचिंग, चोरी के शक में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला

Published: Jul 29, 2018 04:02:14 pm

Submitted by:

Kapil Tiwari

पुलिस ने इस मामले में 100 से ज्यादा संदिग्धों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

Mob Lynching 2

Mob Lynching 2

गांधीनगर। एक तरफ तो देश के अंदर मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर हंगामा मचा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ ये घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर सख्ती दिखाई थी और केंद्र सरकार को इसको लेकर एक कानून बनाने को कहा था। इन सबके बीच गुजरात में मॉब लिंचिंग की एक और घटना सामने आई है। दरअसल, सेंट्रल गुजरात के दाहोद जिले में चोरी के शक में भीड़ ने एक शख्स को पीट-पीटकर मार डाला, जबकि एक अन्य युवक को बुरी तरह से घायल कर दिया।

चोरी के शक में भीड़ ने कर दी हत्या

घटना शनिवार रात की है। जानकारी के मुताबिक, दाहोद जिले के काली मोहाडी गांव में कि भारूच बलाच और अजमल मोहनिया नाम के दो युवक चोरी करने के लिए गए थे, लेकिन लोगों ने उन्हें पकड़ लिया और मौके पर ही दोनों युवकों को इतनी बुरी तरह से पीटा कि दोनों में से एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है।

पुलिस ने 100 संदिग्धों के खिला दर्ज किया केस

इस घटना को लेकर पुलिस ने 100 के करीब संदिग्ध लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। मृतक युवक की पहचान अजमल मोहनिया के रूप में हुई है। उसकी उम्र 22 वर्ष बताई जा रही है। अजमल दाहोद के ही उंदार गांव का बताया जा रहा है। वहीं गंभीर रूप से घायल युवक का नाम भारूच बलाच है जो कि अमाली-खजूरिया गांव का रहने वाला है। भारूच का इलाज अस्पताल में चल रहा है।

आपको बता दें कि जानकारी ऐसी भी मिली है कि दोनों युवक पहले भी चोरी के आरोप में जेल जा चुके थे और इन दिनों जमानत पर जेल से बाहर थे।

दोनों आरोपी जमानत पर जेल से थे बाहर

इस मामले के सामने आने के बाद राज्य सरकार पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ये कह चुका है कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों को भी अहम कदम उठाने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भी मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार को इसपर कानून बनाने के लिए कहा था। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने साफ कहा था कि कोई भी शख्स कानून को किसी भी तरह से हाथ में नहीं ले सकता।

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