आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता ने राहुल गांधी द्वारा 15 जून को उनके ट्विटर पर वह वीडियो अपलोड करने के कारण उन पर बाल अपराध से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग की है। राहुल गांधी को इसी के मद्देनजर आयोग ने जुलनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 74 और पॉस्को एक्ट की धारा 23 के तहत नोटिस भेजा है। राहुल से 10 दिनों मामले पर जवाब मांगा गया है।
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राहुल ने वीडियो के साथ लिखा क्या थाराहुल गांधी ने अपने ट्विटर पर लिखा था कि महाराष्ट्र के इन दलित बचचों का अपराध सिर्फ इतना था कि ये एक ‘सवर्ण’ कुएं में नहा रहे थे। आज मानवता भी आखिरी तिनकों के सहारे अपनी अस्मिता बचाने की कोशिश कर रही है। आरएसएस-बीजेपी की मनुवाद की नफरत की जहरीली राजनीति के खिलाफ हमने अगर आवाज नहीं उठाई तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा।
सामाजिक कार्यकर्ता अमोल जाधव से शिकायत मिलने के बाद आयोग के अध्यक्ष प्रवीन घुगे ने मामले को तत्काल संज्ञान में लिया। जाधव ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को पत्र लिखा। वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि उन्हें अब तक समन नहीं मिला है, लेकिन कुछ भी बोलने से पहले वे इसकी जांच करेंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा मुद्दे से भटकाने का यह एक प्रयास है। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि जिस वीडियो की बात हो रही है वह तो सोशल मीडिया पर पहले ही वायरल है और इसे अपलोड करना अपने आप में एक अपराध है।