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NCRB की रिपोर्ट: इन क्राइम के मामलों में दिल्ली सबसे आगे

locationनई दिल्लीPublished: Nov 30, 2017 09:19:29 pm

इन आंकड़ों में पहली बार 20 लाख से ज्यादा की आबादी वाले 19 शहरों के आंकड़े विभिन्न श्रेणियों में दर्ज किए गए हैं।

ncrb crime report

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली अब अपराध में नंबर वन बनता जा रहा है। ये हम नहीं बल्कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है। दरअसल गुरुवार को एनसीआरबी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2016 में दिल्ली में देश के 19 प्रमुख शहरों के मुकाबले सबसे अधिक अपराध के मामले दर्ज किए गए। चाहे जमीन विवाद का मामला हो या चोरी का मामला हो। वहीं 2.13 लाख यानी कुल चोरी के मामलों में से 43.2 प्रतिशत मामले सिर्फ ऑटो से चोरी के हैं। दरअसल 2016 में देश भर में हुए अपराधों के आंकड़े जारी किए गए हैं। इन आंकड़ों में पहली बार 20 लाख से ज्यादा की आबादी वाले 19 शहरों के आंकड़े विभिन्न श्रेणियों में दर्ज किए गए हैं।

यहां गौर करने वाली बात ये है कि एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में कुल 48 लाख 31 हजार 515 अपराध दर्ज किए गए हैं। इनमें से 29 लाख 75 हजार 711 मामले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत दर्ज किए गए हैं। जबकि 18 लाख 55 हजार 804 मामले विशेष और राज्य स्तरीय कानूनों के तहत दर्ज हुए हैं। वहीं साल 2015 में कुल 47 लाख 10 हजार 676 मामले दर्ज किए गए थे। अब इस तरह 2016 में अपराधों की संख्या में 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। अब आईपीसी के मामलों में यह बढ़ोतरी 0.9 प्रतिशत और अन्य कानूनों में 5.4 प्रतिशत रही है।

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एनसीआरबी के नए आंकड़ों के मुताबिक बहुत से अन्य ऐसे मामले भी जारी किए गए हैं। जिसमें साइबर क्राइम, जमीन विवाद, चोरी से जुड़ा मामला है। देखिए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के द्वारा जारी अन्य मामलों की रिपोर्ट…

1. 6.3 प्रतिशत बढ़े हैं 2016 (12317) में साइबर अपराध के मामले 2015 (11592) के मुकाबले
2. 1.31 लाख (26.5 प्रतिशत) मामलों के साथ दिल्ली जमीन विवाद में सबसे आगे। महाराष्ट्र (59097 या 11.9 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश (56550 या 11.4 प्रतिशत) के साथ क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर।
3. 4.94 लाख चोरी के मामले दर्ज किए गए 2016 में। दिल्ली (38644), उत्तर प्रदेश (34480) और महाराष्ट्र (22435) सबसे आगे
4. 2.13 लाख यानी कुल चोरी के मामलों में से 43.2 प्रतिशत मामले ऑटो से चोरी के हैं।

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