राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के छापों में हुर्रियत नेताओं को लिखे कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के लेटरहेड पर लिखे हुए हैं। दस्तावेजों से स्पष्ट है कि हुर्रियत नेता समय-समय पर लश्कर और हिज्बुल मुजाहिद्दीन अलगाववादियों को फंड पहुंचाते रहे हैं।
•Jul 27, 2017 / 01:10 pm•
shachindra श्रीवास्तव