निर्भया केस ‘सदमे की सुनामी’: जानें उस रात से लेकर अब तक इस मामले का हर सच
निर्भया के पिता को उम्मीद, मिलेगा इंसाफ
निर्भया के पिता को उम्मीद है कि उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा, लेकिन उन्होंने अपनी इच्छा भी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि जब तक गैंगरेप और हत्या करने वाले चारों दोषियों को फांसी पर लटकाया नहीं जाता तब तक मेरे दिल को चैन नहीं मिलेगा। आपको बता दें कि 16 दिंसबर 2012 को मुनीरका से बस में जा रही निर्भया के साथ 6 दरिंदों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। उसके साथ दुष्कर्म कर चलती बस से निर्भया और उसके साथी को फेंक दिया गया था।
निर्भया के पिता को उम्मीद, मिलेगा इंसाफ
निर्भया के पिता को उम्मीद है कि उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा, लेकिन उन्होंने अपनी इच्छा भी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि जब तक गैंगरेप और हत्या करने वाले चारों दोषियों को फांसी पर लटकाया नहीं जाता तब तक मेरे दिल को चैन नहीं मिलेगा। आपको बता दें कि 16 दिंसबर 2012 को मुनीरका से बस में जा रही निर्भया के साथ 6 दरिंदों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। उसके साथ दुष्कर्म कर चलती बस से निर्भया और उसके साथी को फेंक दिया गया था।
गैंगरेप के 6 आरोपियों में से एक राम सिंह ने जेल में ही फांसी लगा ली। उसकी मौत के बाद मामले में बाकी पांच को दोषी पाया गया। पांच में एक नाबालिग दोषी को छोड़कर बाकी चार को सजा-ए-मौत का हुक्म दिया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इन चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा। लेकिन दो दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने इस फांसी दिए जाने पर रोक लगा दी। 20 दिसंबर 2015 को बालसुधार गृह भेजे गए नाबालिग अपराधी को रिहा किया गया, जिसका देशभर में जमकर विरोध हुआ।
बुराड़ीः पिता की मौत के बाद ललित का हुआ था कुछ लोगों से झगड़ा, दुकान में बद कर लगा दी थी आग
फैसला रखा सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च 2016 को दोषियों की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा। वहीं 5 मई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को सदमे की सुनामी बताते हुए इन चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा, लेकिन 9 नवंबर को इस फैसले के खिलाफ भी पुनर्विचार याचिका दायर की गई। इस याचिक पर सुप्रीम कोर्ट आज यानी 9 जुलाई को फैसला सुनाने जा रहा है। पूरे देश को अपनी बेटी निर्भया के साथ इंसाफ का इंतजार है।
फैसला रखा सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च 2016 को दोषियों की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा। वहीं 5 मई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को सदमे की सुनामी बताते हुए इन चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा, लेकिन 9 नवंबर को इस फैसले के खिलाफ भी पुनर्विचार याचिका दायर की गई। इस याचिक पर सुप्रीम कोर्ट आज यानी 9 जुलाई को फैसला सुनाने जा रहा है। पूरे देश को अपनी बेटी निर्भया के साथ इंसाफ का इंतजार है।