आंध्र प्रदेश: 12 साल बाद खुलेगा रेप-मर्डर का केस, कब्र से निकालकर फिर से होगा पोस्टमॉर्टम
जल्लाद पवन ने शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अब मैं मोबाइल पर या फिर मीडिया से तब तक ज्यादा बात नहीं करूंगा, जब तक निर्भया हत्याकांड के चारों मुजरिमों की मौत की सजा पर कोई अंतिम फैसला नहीं आ जाता।
एक सवाल के जबाब में पवन ने कहा, ‘दरअसल मैं अब तक मीडिया से इस मुद्दे पर खुलकर बात कर रहा था। मेरी भी दिली ख्वाहिश है कि मैं ही निर्भया के हत्यारों को फांसी के फंदे पर झुलाने पहुंचूं। मामला बेहद पेंचीदा और संवेदनशील है। जब से तिहाड़ जेल प्रशासन ने बेहद गोपनीय तरीके से उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन से जल्लाद को लेकर बातचीत शुरू की है, तब से मुझ पर काफी कुछ पाबंदियां लगा दी गई हैं।’
दिल्ली: पति ने मेट्रो के आगे कूदकर दी जान, शाम को पत्नी ने बेटी साथ की आत्महत्या
वहीं, जब उनसे पूछा गया कि ये पाबंदियां किसने और कब से लगाई हैं? इस पर पवन ने कहा, ‘मेरठ जेल के अफसरों ने सलाह दी है कि मैं अब कुछ दिनों तक किसी से ज्यादा बातचीत न करूं। साथ ही भीड़-भाड़ से दूर रहूं। शहर के बाहर भी कहीं न आऊं-जाऊं। अपनी सेहत का ख्याल रखूं।’
पवन ने आगे कहा, ‘उन्होंने (मेरठ जेल के कुछ अफसर) मुझे कुछ दिन बेहद सतर्क रहने की हिदायत भी दी है। मुझसे कहा गया है कि मैं अपनी हिफाजत को लेकर बेहद सतर्क रहूं। ऊपर (राज्य जेल प्रशासन) से कभी भी कोई आदेश (निर्भया के मुजरिमों की फांसी पर तिहाड़ जेल पहुंचने का फरमान) आने की प्रबल संभावना है।’